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    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की आलोचना को ‘बकवास’ करार देकर खारिज कर दिया। मीडिया ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। डॉन न्यूज ने स्विट्जरलैंड के दावोस में वार्षिक विश्व आर्थिक मंच में भाग लेने गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साक्षात्कार के हवाले से कहा, “जब चीन इस बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरसी ) और सीपीईसी के साथ हमारी मदद करने आया, तो हमारी हालत वास्तव में ठीक नहीं थी।”

    सीएनबीसी के साक्षात्कार में यह पूछे जाने पर कि क्या यह परियोजना पाकिस्तान के लिए कर्ज का जाल है? खान ने कहा, “हम चीन के शुक्रगुजार हैं कि वह यहां आए और उन्होंने हमें बचाया।”

    सीबीईसी कर्ज का जाल है, इस सुझाव को खारिज करते हुए उन्होंने इसे बकावास बताया। उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं है कि वह आए और उन्होंने हमें कर्ज पर कर्ज दिया है, वैसे भी यह कुल पोर्टफोलियो का बमुश्किल 5 या 6 प्रतिशत है।”

    प्रधानमंत्री इमरान ने कहा कि आज यदि पाकिस्तान के पास विदेशी निवेश को आकर्षित करने का अवसर है तो इसका श्रेय चीन को जाता है। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान सरकार भी निवेश आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र बना रही है।

    डॉन न्यूज के अनुसार, इस हफ्ते की शुरुआत में वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक एलिस वेल्स ने एक बार फिर पाकिस्तान से आग्रह किया था कि वह चीन की आर्थिक पहल के बारे में पूरी ईमानदारी के साथ पुन: विचार करे। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ओर से यह टिप्पणी आई है।

    इस्लामाबाद में एक थिंकटैंक के साथ चर्चा करते हुए उन्होंने कहा था कि सीपीईसी परियोजना में कथित तौर पर पारदर्शिता नहीं है। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को चेताया था कि चीनी वित्तपोषण के चलते देश पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। चीन और पाकिस्तान के अधिकारियों ने अमेरिकी आलोचना को खारिज कर दिया था।

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