अमेरिका में मंगलवार को सांसदों को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने खुलासा किया कि उनके मुल्क की सीमाओं पर 40 चरमपंथी समूह सक्रीय है। पाकिस्तानी पीएम अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर है और उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प से भी मुलाकात की थी।
पाक में 40 आतंकी समूह सक्रीय
खान ने कैपिटल हिल में सांसदों से कहा कि “हम आतंकवाद की अमेरिकी जंग में लड़ाई लड़ रहे हैं। पाकिस्तान का 9/11 हमले से कोई लेनादेना नहीं है। पाकिस्तान में तालिबान का कोई चरमपंथी नहीं है लेकिन हम अमेरिकी जंग का लुत्फ़ उठा रहे हैं। खेदजनक, जब चीजे गलत दिशा में गयी थी, इसके लिए मैं अपनी सरकार को कसूरवार ठहराता हूँ। अमेरिका अमेरिका को जमीनी हकीकत से रूबरू नहीं किया था।”
उन्होंने कहा कि “इअका कारण यह है कि हमारी सरकार नियंत्रण में नहीं थी। पाकिस्तान में 40 विभिन्न आतंकवादी समूह सक्रीय थे। पाकिस्तान का एक ऐसा युग भी था जब लोग हमें पसंद करते थे। अमेरिका हमसे ज्यादा करने की उम्मीद करता है और जंग को जीतने में हमारी मदद चाहता था। पाकिस्तान उस दौरान अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा था।”
भारत और अमेरिका ने बनाया दबाव
इस समारोह की विडियो को रेडियो पाकिस्तान ने भी साझा किया है। भारत और अमेरिका दोनों ने ही पाकिस्तान को निरंतर अपनी सरजमीं पर सक्रीय आतंकवादी समूहों के खिलाफ साख कार्रवाई करने को कहा था। भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से आतंकवादियों के खिलाफ निरीक्षित, विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने के की मांग की है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल कर एक कूटनीतिक जीत हासिल की थी 14 फ़रवरी को कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर फियादीन हमला किया गया था और इसके बाद भारत और पाकिस्तान दोनों युद्ध के मुहाने पर खड़े थे।
अमेरिका के प्रतिनिधि और विदेशी मामलो पर सदन की समिति के अध्यक्ष एलियट एल एंगेल ने सोमवार को कहा कि “पाकिस्तान को अपनी सरजमीं से आतंकी ढांचों को हटाने के लिए सर्वप्रथम ठोस और अपरिवर्तनीय कदम उठाने होंगे, तभी भारत के साथ अर्थपूर्ण वार्ता मुमकिन है।”