पाकिस्तान का वार्षिक वीत्तीय घाटे में बीते तीन दशक में सबसे अधिक वृद्धि हुई है। साल 2018-2019 वीत्तीय वर्ष में यह बढ़कर 8.9 फीसदी हो गया था। घाटा पाकिस्तान में सकल घरेलू उत्पाद का जून के अंत तक 8.9 फ़ीसदी बढा था।
बीते वर्ष यह वीत्तीय घाटा 6.6 फीसदी था। जून 2019 में सरकार ने ऐलान किया किया उनका इरादा वीत्तीय घाटे को जीडीपी के 7.1 फीसदी रखना हैजबकी साल के शुरूआत में यह लक्ष्य 4.9 फीसदी था।
पूर्व आर्थिक सलाहकार डॉक्टर अशिफिक हसन खान ने कहा कि मैंने अपने कैरियर में इतना ज्यादा वीत्तीय घाटा नही देखा है। इस घाटे की कीमत 3.445 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये हैं। पाकिस्तान के आर्थिक सर्वे के मुताबिक साल 1979- 80 से अब तक सबसे उच्च स्तर पर है।
यह आंकड़े पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की बदहाली को दर्शाते हैं। पाकिस्तान की तहरीक आए इंसाफ के एक वर्ष पूरे होने के साथ ही आर्थिक स्थिति खराब होती रही है।
इमरान खान सत्ता में मुल्क की आर्थिक स्थिति को।सुधारने के वादे के साथ आये थे। सरकार ने बीते महीने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा किया था जिसका मुल्क मर काफी विरोध हुआ था। पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 117.83 रुपये प्रति लीटर है ओर डीज़ल की कीमत 132.4 रुपये प्रति लीटर है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उछाल के साथ ही कैरोसिन और हक डीजल की कीमतों में भी वृद्धि की गई थी। केरोसिन और हल्के डीजल की अब कीमत क्रमशः 132.47 रुपये और 103.84 रुपये प्रति लीटर है।
सरकार ने नान और रोटी के दाम लो बढ़ाने के भी आदेश दिए थे।। अभी पाक में नान की कीमत 12 से 15 रुपये है और रोटी की कीमत 10 से 12 रुपये है। पकिस्तान को कई देशो में राहत पैकेज मुहैया किया था ताकि देश की आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सके। इसमे कतर, चीन, सऊदी अरब और यूएई शामिल है।
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ मई में छह अरब डॉलर के समझौते पर पहुंच गया था। पाकिस्तान के वित्तीय सलाहकार अब्दुल हफ़ीज़ शैख़ ने कहा कि “आईएमएफ का कर्ज पाकिस्तान की सरकार के लिए इच्छापत्र है और यह वित्तीय अनुशासन और आर्थिक प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए है।”