पाकिस्तान में बीते एक दशक से ईशनिंदा के आरोपों को झेल रही ईसाई महिला आसिया बीबी को आखिरकार रिहा कर दिया गया है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को आसिया बीबी की रिहाई के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज कर दिया था। अक्टूबर 2018 में शीर्ष अदालत ने आसिया बीबी की रिहाई का आदेश दिया था।
पाकिस्तानी कानून के मुताबिक ईशनिंदा के आरोपियों को मौत की सज़ा सुनाई जाती है। पुनर्विचार याचिका को कारी मोहम्मद सलमान ने अपने वकील गुलाम मुस्तफा चौधरी से दायर करवाई थी। इस याचिका में दावा किया कि आसिया बीबी ने जांच के दौरान अपने गुनाह को कबूल किया था, प्राथमिकी दर्ज करवाने में देरी का यह मतलब नहीं की वह अपने अपराध के लिए शर्मिंदा नहीं है।
शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “योग्यता के आधार पर इस पुनर्विचार याचिका को खारिज किया जा सकता है। याचिकाकर्ता के वकील से मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “आप शीर्ष अदालत के फैसले पर एक भी गलती निकालने में असमर्थ रहे हैं।”
याचिकाकर्ता के वकील ने पीठ से इस याचिका की सुनवाई में इस्लामिक जानकारों को नियुक्त करने की मांग की थी। बहरहाल मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “हम इस मामले की सुनवाई दोबारा नहीं करेंगे, वकील फैसले में एक भी गलती नहीं निकाल पाए हैं।” इस पुनर्विचार याचिका के ख़ारिज हो जाने के बाद आसिया बीबी के मार्ग से अंतिम रोड़ा भी हट गया है। आसिया बीबी को अब देश छोड़ने की इजाजत मिल सकती है। आसिया बीबी की रिहाई पाकिस्तान की शीर्ष अदालत का एक ऐतिहासिक निर्णय था।
तहरीक-ए-लाबैक पार्टी ने आसिया बीबी के रिहाई के विरोध में पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन किये थे, जिसका नेतृत्व खादिम रिज़वी कर रहा था। तीन दिन तक चले इस प्रदर्शन में पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में आगजनी और सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया था। इस प्रदर्शन के बाद इमरान खान ने आसिया बीबी के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी थी।
ईसाई महिला पर साल 2010 में उसके पड़ोसियों द्वारा इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाया था। हालांकि महिना खुद को बेक़सूर बताती रही है। पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून को पूर्व सैन्य तानाशाह जिया उल हक ने साल 1980 में लागू किया था। इस कानून के तहत अपराधी को मौत की सज़ा सुनाई जाती है। आसिया बीबी को साल 2014 में इस कानून के तहत मौत की सज़ा सुनाई गयी थी।
आसिया बीबी समर्थक करने पर पंजाब प्रांत के राज्यपाल सलमान तासीर की साल 2011 में हत्या कर दी थी। गिरफ्तारी से पूर्व धार्मिक नेता ने अपने समर्थकों को निर्देश दिया था कि अगर उसकी गिरफ्तारी हुई, तो समस्त पाकिस्तान का चक्का जाम कर दिया जाए। रिज़वी ने कहा कि पैगम्बर के सम्मान के संरक्षण के लिए पूरा पाकिस्तान सड़कों पर उतर जाना चाहिए।