पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान आर्थिक मदद की मांग के लिए सऊदी अरब के दौरे पर है। ख़बरों के मुताबिक सऊदी की यात्रा के बाद इमरान खान मलेशिया और चीन के दौरे पर जायेंगे। चीन ने चीन-पाक आर्थिक गलियारे की परियोजना के तहत कई प्रोजेक्टों में निवेश किया है। सिपेक के कारण पाकिस्तान की आर्थिक हालात सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।
सिपेक परियोजना का बचाव करते हुए चीन ने कहा कि पाकिस्तान की आर्थिक तंगी का कारण यह परियोजना कतई नहीं है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति के सलाहकार ने डॉन अखबार को बताया कि चीन की सिपेक परियोजना के कारण पाकिस्तान कर्ज के दलदल में नहीं धंस रहा है। इस प्रोजेक्ट पर आरोप लगाना गैरजरूरी है और आगामी सालों में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी।
राष्ट्रपति के सलाहकार ने कहा कि सिपेक का कर्ज चीन को 2023-24 वित्त वर्ष में चुकाना शुरू करना है और तब तक पाकिस्तान की आर्थिक दशा में सुधार आ जायेगा। आज के मुकाबले उस समय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में काफी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा ऊर्जा परियोजनाओं से चीन को क्या हासिल होगा। पाकिस्तान की बदतर आर्थिक हालातों को सुधारने की कोशिश कर रहा है।
राष्ट्रपति के सलाहकार ने कहा कि सिपेक की परियोजना में पहले के मुकाबले पाकिस्तान के अधिक स्थानीय नागरिक शामिल होंगे। यही परियोजना पाकिस्तान की आर्थिक व्यवस्था में जबरदस्त उछाल लाएगी।
पाकिस्तान के अन्दर से सिपेक परियोजना के खिलाफ आवाज़े उठ रही है लिहाजा पाकिस्तान का इस परियोजना का बचाव करना मुनासिब था। अमेरिका ने कहा था कि पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक सेहत का दोषी चीन की परियोजना सीपेक और चीन से अंधाधुंध लिया कर्ज है।
उन्होंने कहा था कि चीन का कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान को बैलआउट पैकेज कतई नहीं दिया जायेगा। अमेरिका कर्ज के हर कोण की समीक्षा करेगा। साथ ही चीनी परियोजना के लिए गए कर्ज का भी पाकिस्तान को खुलासा करना होगा।