पाकिस्तान के वित्त मंत्री असद उमर ने बुधवार को निवेश और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए और इस्लामाबाद अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए आईएमएफ के दबाव में उनके सुझाव पर अमल किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को स्थानीय व्यापार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुधार करना होगा।
उन्होंने कहा कि जब तक यहां निवेश है, देश की अर्थव्यवस्था आगे नही बढ़ सकती है। यह निवेश नही है, सुधार पैकेज है। उन्होंने कहा कि आर्थिक मध्यवधि सुधार पैकेज आगामी सप्ताह पेश किया जाएगा। इस वर्ष चार प्रतिशत वृद्धि दर में गिरावट हुई थी और 5.8 फीसदी बीते वर्ष गिरावट हुई थी। मौजूदा खाता घाटा और वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का सात प्रतिशत है। पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए काफी दबाव झेल रहा है।
इमरान खान की सरकार के अगस्त में सत्ता में आने के बाद कई सुधार प्रयास किये गए हैं। पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ खुली बातचीत की थी और कोई बातचीत फाइनल नही जो सकी थी। पाकिस्तान की साल 1980 के बाद यह 13 वां बैलआउट पैकेज था। इमरान खान सरकार ने वित्तीय घाटे के संकट से उभारने की प्रतिज्ञा की थी। आईएमएफ को उम्मीद है कि इस वर्ष जीडीपी 5.3 प्रतिशत रहेगा।
पाकिस्तान ने चीन-पाक आर्थिक गलियारे से काफी उम्मीद से निवेश किया था। इसके अलावा पिछले वर्षों में उत्पादों और ऊर्जा लागत की भारी मांग से चालू घाटे के व्यापक रूप से बढ़ा दिया था। सरकार को इसे नियंत्रित करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है। असद उमर ने कहा कि कीमती कारों के आयात पर शुल्क में वृद्धि होगी। आयातित निर्माताओं के आयातित कच्चे माल पर शुल्क पर कटौती की जाएगी।
इमरान खान ने पाकिस्तान को आर्थिक मुसीबत से बचाने के लिए कई देशों से मदद की गुहार लगाई थी। उन्होंने चीन, सऊदी अरब और यूएई सर मदद की मांग की थी।