पाकिस्तान की सेना ने सोमवार अपनी सरजमीं पर आतंकवादी और जिहादी तत्वों की मौजूदगी की बात को कबूल किया है। उन्होंने कहा कि “आतंकवाद का विनाश करने के लिए अभी काफी कुछ करने की जरुरत है।” सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बताया कि “हमने हिंसक चरमपंथी संगठनों और जिहादी समूहों को प्रतिबंधित कर दिया है और हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।”
आसिफ गफूर ने कहा कि “आतंकवाद को नेस्तनाबूत करने के लिए अभी काफी कार्य करने की जरुरत है क्योंकि इस्लामाबाद इसका काफी खामियाजा भुगत चुका है। आतंकवाद की वजह से करोड़ो रुपयों का नुकसान हुआ है। अभी आतंकवाद के खिलाफ काफी करना शेष है।”
उन्होंने कबूल किया कि पूर्ववर्ती सरकार आतंकवाद से निपटने में विफल रही है और इस कारण पाकिस्तान ने करोडो रूपए का खामिया नुकसान उठाया है। राज्य गतिशील अभियानों में व्यस्त था और हर कानून विभाग इसमें व्यस्त था। इस कारण हम प्रतिबंधित संगठनो के खिलाफ रणनीति नहीं बना पाए थे जो हम आज कर रहे हैं।
मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग पर पश्तून तहफूज़ मूवमेंट की वित्तीय सहायता करने का आरोप लगाया है। यह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की तैनाती के मानव अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ पश्तून समुदाय का आंदोलन है।
पीटीएम की वेबसाइट पर उन्हें उन राज्यों की सूची है जो पश्तूनों को समस्त विश्व से धन भेजते हैं। उन्होंने पूछा कि हमें बताइये कि तुम्हे एनडीएस यानी अफगान नेशनल डायरेक्टरेट ऑफ़ सिक्योरिटी से अभियान को चलाने के लिए कितनी धनराशि दी गयी है। इस्लामाबाद में पहला धरना करने के लिए रॉ ने कितनी मदद की थी।
भारत ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करेगा तभी भारत के साथ बातचीत संभव है। भारत ने 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद सख्ती रुख अपनाया है क्योंकि इसमें 14 सियनिको की मौत हुई थी।
हवाई संघर्ष में भारत की वायुसेना का एक पायलट पाकिस्तान के इलाके में जा गिरा था लेकिन पाकिस्तान ने दो पायलटो के होने की सूचना दी थी। इस बाबत प्रवक्ता ने कहा कि “शुरू में हमें चैनल से जानकारी मिली थी लेकिन फिर मुझे लगा कि केवल एक ही व्यक्ति हमारी हिरासत में हैं और मैंने खुद को सही किया।”
उन्होंने कहा कि “नयी दिल्ली को पाकिस्तान के संकल्प की संयमता की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। हम बीते हुए का बदले नहीं लेना चाहते हैं क्योंकि हम शान्ति की कामना करते हैं।”