पाकिस्तान ने मंगलवार को देश में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) क्रिकेट मैचों के प्रसारण पर रोक लगा दी, जिसमें भारत द्वारा पाकिस्तान में खेल को “नुकसान” पहुंचाने के “संगठित प्रयास” का हवाला दिया गया।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री इरफान खान द्वारा लिया गया था, जो पहले पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान भी रह चुके है। उन्होंने कहा कि यह कदम मंत्रिमंडल ने उठाया क्योंकि भारत ने पाकिस्तान की क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने का कोई अवसर नहीं छोड़ा।
उन्होने कहा, “भारत ने पाकिस्तान में क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने का एक संगठित प्रयास किया और हमारे लिए भारतीय घरेलू टूर्नामेंट को यहां प्रचारित करने की अनुमति देना समझ में नहीं आता।” आधिकारिक भारतीय प्रसारक ने पुलवामा हमले के मद्देनजर पाकिस्तान सुपर लीग के चौथे संस्करण के प्रसारण को बीच में ही बंद कर दिया ताकि इससे हमारी क्रिकेट लीग को नुकसान पहुंचे।”
फरवरी में, डी स्पोर्ट– जो पीएसएल के आधिकारिक प्रसारकों को भारत में दिखाता है—ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद जिसमें हमारे सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे उसको मद्देनजर रखते हुए बीच में टूर्नामेंट बंद कर दिया था।
भारतीय कंपनी आईएमजी रिलायंस ने दुनिया भर में पीएसएल के टेलीविज़न कवरेज का निर्माण करने के लिए अपने सौदे से हाथ पीछ कर लिए, जिससे एक नई उत्पादन कंपनी को टूर्नामेंट में मध्य में खोजने के लिए पाकिस्तान स्थित टी-20 लीग को मजबूर होना पड़ा।
चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (पेमरा) यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी आईपीएल मैच पाकिस्तान में प्रकाशित ना हो।
उन्होने कहा कि पाकिस्तान सरकार का मानना है कि खेल और संस्कृति में राजनीतिकरण को लाना सही नही है, लेकिन भारत अपना आक्रमक रवैया कम नही कर रहा है और पाकिस्तानी खिलाड़ियो और कालाकारो के खिलाफ है।
खान, जिन्होने 1992 में पाकिस्तान की विश्वकप विजेता टीम की अगुवाई की थी, वह पिछले साल अगस्त में आम चुनावो में देश के प्रधानमंत्री बने थे।