अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ पाकिस्तान की सरकार छह अरब के बेलआउट पैकेज के समझौते हो गया है। प्रधानमंत्री के वित्त, रेवेन्यू और आर्थिक मामलो के सलाहकार डॉक्टर अब्दुल हफ़ीज़ शेख ने शनिवार को यह बयान जारी किया था। डॉन के मुताबिक डॉक्टर शेख ने पीटीवी न्यूज़ से कहा कि “कई महीनो की वार्ता और चर्चा के बाद पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच आखिरकार एक स्टाफ स्तर का समझौता मुकम्मल हो गया है।”
आईएमएफ का समझौता
उन्होंने बताया कि “पाकिस्तान ने आईएमएफ के कार्यक्रम के तहत तीन वर्षों के लिए छह अरब डॉलर की राशि प्राप्त की है।” पाकिस्तान में आईएमएफ मिशन के प्रमुख एर्नेस्तो रामिरेज रिगो ने कहा कि “आर्थिक नीतियों पर पाकिस्तानी विभाग और आईएमएफ की टीम स्टाफ स्तर के समझौते पर पंहुच गए हैं। एक्सटेंडेंट फंड एग्रीमेंट के तहत 39 महीनो के लिए छह अरब डॉलर की राशि दी गयी है।”
डॉक्टर शेख ने कहा कि “आईएमएफ एक अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो सदस्य देशों की आर्थिक मुसीबत के दौरान मदद करता है। हालाँकि पाकिस्तान इससे 12 अरब डॉलर की वित्तीय खाई को नहीं भर पायेगा, जो कमजोर अर्थव्यवस्था के कारण हुआ है।”
वैश्विक संस्थानों से मदद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को बेलआउट के पहले मसौदे को खारिज कर दिया था जिसके बाद आईएमएफ के साथ बातचीत का सिलसिला जारी था। आईएमएफ से मदद के आलावा पाकिस्तान ने अपनी मित्र देशों चीन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात से भी मदद ली है।
प्रधानमंत्री के सलाहकार ने बताया कि “पाकिस्तान ने एशियन डेवेलोमेंट बैंक और विश्व बैंक जैसे संस्थानों से भी दो से तीन अरब डॉलर की अतिरिक्त राशि ली है।”
आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार को डॉलर के दर को नियंत्रण न करने की सलाह दी है और साथ ही ऊर्जा व अन्य क्षेत्रों से रिआयत को हटाने को कहा है। साथ ही पाकिस्तान को रूपए को अधिक लचीला करने के लिए नियमित उतार-चढ़ाव के चक्र को खत्म करने के लिए कहा है। स्थानीय जानकारी के मुताबिक, स्थानीय मुद्रा अधिक मूलयवान है।