आर्थिक तंगी से परेशान पाकिस्तान सरकार के मुखिया इमरान खान ने कहा कि शायद आईएमएफ के कर्ज की जरुरत न पड़े क्योंकि मित्र देशों ने इस आर्थिक स्थिति से निपटने के लिए सकारात्मक रुख दिखाया है।
वरिष्ठ सम्पादकों के समूह से मुखातिब होते हुए प्रधानमंत्री खा ने कहा कि उनकी सरकार कई देशों के साथ संपर्क साधे हुए है। वही मित्र देश पाकिस्तान की आर्थिक सेहत को सुधारने में सहायता करेंगे।
इमरान खान ने किसी राष्ट्र का नाम नहीं लिया जो आर्थिक मदद को तैयार है अलबत्ता पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक सरकार का इशारा चीन और सऊदी अरब जैसे सहयोगियों की तरफ था। इमरान खान ने कहा कि उन राष्ट्रों का रुक सकारात्मक है और पाकिस्तान की आर्थिक जरूरतों की पूर्ती के लिए हमे आईएमएफ के दरवाजे पर नहीं जाना होगा।
आईएमएफ की निदेशक और अमेरिका ने बैलआउट पैकेज मुहैया करने से पूर्व पाकिस्तान के समक्ष शर्त रखी थी। उन्होंने पाकिस्तान को पूरे कर्ज का पारदर्शी ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा था साथ ही सीपीईसी से जुड़े कर्ज की पूरी जानकारी आईएमएफ को देने की बात कही थी।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्ता पर आसीन होने के बाद आर्थिक तंगी से निपटने के लिए सरकार द्वारा मुहैया की गयी महंगी कारों को बेचने के लिए रख दिया हालाँकि उन कारों में से एक का सौदा ही पूर्ण हो पाया है। साथ ही राज्य की अधिकृत इमारतों को यूनिवर्सिटी में तब्दील और सरकारी ऑफिस में एसी की तारें कटाने का आदेश दिया था।
पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि इस आर्थिक विपदा में संतुलन के लिए 10-12 बिलियन डॉलर रकम की जरुरत है। उन्होंने कहा पाकिस्तान के आर्थिक हालात बहुत खराब है। पुरानी सरकारों ने अंधाधुंध कर्ज लिया जो चुकाना भारी पड़ रहा है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना मीटिंग में बैलआउट पैकेज की बात करने इंडोनेशिया के बाली गए थे। जिसमे आधिकारिक अनुरोध के बाद आईएमएफ के प्रतिनिधि समूह ने 7 नवंबर को पाकिस्तान आने की बात कही थी।
हाल ही में अमेरिका ने कहा यह कि आईएमएफ़ कर्ज देने से पूर्व पाकिस्तान के कर्ज का आंकलन हर दिशा से करेगी। वित्त मंत्री असद उमर ने कहा कि पाकिस्तान आईएमएफ के आलावा अन्य विकल्पों की खोज कर रहा है।