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    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान

    भारत और पाकिस्तान की मीडिया में करतारपुर गलियारे की खबरे कई दिनों से सुर्खियां बटोर रही थी। पाकिस्तान के विदेश विदेश विभाग ने प्रधानमन्त्री मोदी को सार्क सम्मेलन में आमंत्रित करने का ऐलान किया था। सार्क सम्मेलन की 19 वीं बैठक पाकिस्तान में आयोजित होगी। सार्क के नियमों के मुताबिक अगर इस सम्मेलन का आयोजन होता है तो इसके सदस्यों देशों को इसमें भाग लेना पड़ता है और किसी को इसके लिए आमंत्रित करने की आवश्यकता नहीं होती है।

    साल 2016 में सीमा पार आतंकी हमलो के कारण भारत ने पाकिस्तान में आयोजित सार्क सम्मलेन का बहिष्कार किया था।भारत सहित अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी इस सम्मेलन का बहिष्कार किया था। इस सम्मेलन के यदि आठ सदस्यों में से एक भी सम्मिलित होने से इनकार करता है तो इस बैठक को रद्द कर दिया जाता है। साल 2016 में सार्क सम्मेलन को रद्द कर दिया था।

    नई दिल्ली के सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश में दिसम्बर में चुनाव संपन्न होने हैं और श्रीलंका अभी राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। ऐसे में सार्क सम्मेलन का आयोजन संभव नहीं है क्योंकि यह देश राज़ी नहीं होंगे। साथ ही अफगानिस्तान आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान से चिढ़ा हुआ है इसलिये मुमकिन है वो भी इस समारोह के लिए रजामंद न हो।

    सार्क सम्मेलन के आयोजन के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद से अपना पल्ला छुड़ाने को तत्पर नहीं है। हाल ही में पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने पंजाब के निरंकारी भवन में हमले को अंजाम दिया था और दिल्ली को दहलाने की साजिश भी रची थी। इन हालातों में इस सम्मेलन के आयोजन, वो भी पकिस्तान में इसका को तुक नहीं बनता है।

    चीन इस सम्मेलन का मुख्या मुद्दा है क्योंकि हाल ही में चीन ने साउथ एशियन सुब रीजनल इकनोमिक कोपरेशन का आयोजन किया था। पाकिस्तान को अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए सभी को बोतल में उतारने का सार्क एक बेहतरीन  विकल्प है। हालांकि पाकिस्तान ने भारत पर सार्क सम्मेलन की तरक्की को रोकने का इल्जाम लगाया था। पाकिस्तान के पीएम में भारत के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश की है क्योंकि उनके बैंकों का खजाना खाली है।

    पाकिस्तान को आईएमएफ सहायता राशि मुहैया नहीं करेगा, जब तक यह सुनिश्चित न हो कि वह इस सहायता का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी गतिवधियों के लिए नहीं करेंगे। नतीजतन पाकिस्तान इस वक्त भारत के खिलाफ शत्रुतापूर्ण रवैया दिखाने के मूड मे नहीं है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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