पाकिस्तान के साथ समझौता करने पर मुत्तहिदा क़ौमी मूवमेंट के नेता अल्ताफ हुसैन ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को सावधान रहने की हिदायत दी है। उन्होंने बुधवार को आईएमएफ से अपील की कि “पाकिस्तान जैसे देशों के साथ किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर करने से पूर्व सावधानी बरते।”
वादों से मुकर जायेगा पाक
हुसैन का हालिया ट्वीट आईएमएफ के सम्मानजनक विभागों की तरफ इशारा था। उन्होंने कहा कि “आईएमएफ के कर्ज के संकट से जूझ रहे देश के साथ बेलआउट पैकेज पर दस्तखत करते ही पाकिस्तान अपने वादों को तोड़ना शुरू कर देगा।”
उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान ने फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स और आईएमएफ को सभी प्रतिबंधित धार्मिक संगठनों और चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आश्वाशन दे रहा हैं।” आईएमएफ के साथ समझौते पर पंहुचते ही पाकिस्तान ने मंगलवार को खादिम हुसैन रिज़वी और पीर अफ़ज़ल क़ादरी को जमानत पर रिहा कर दिया था जिन्होंने आसिया बीबी की रिहाई के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन का आयोजन किया था।
रिज़वी और क़ादरी की रिहाई सबूत
आसिया बीबी को ईशनिंदा के आरोप से पाक शीर्ष अदालत ने बरी कर दिया था। रिज़वी और क़ादरी तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं और यह पाकिस्तान की सरजमीं पर सबसे मशहूर धार्मिक संगठन है।
हुसैन ने कहा कि “इससे सभी इत्तेफ़ाक़ रखते हैं कि नवंबर 2017 में इस्लामाबाद टीएलपी के हथियारबंद आतंकियों के नियंत्रण में था। आतंकी संगठन ने पुलिस स्टेशन पर हमला किया और रिज़वी व क़ादरी के हुक्म पर सार्वजनिक और निजी सम्पत्तियों को नुक्सान पंहुचाया था।”
उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान की सेना और आईएसआई न सिर्फ टीएलपी के आतंकवादियों का समर्थन कर रही है बल्कि नवंबर 2017 में बैठक के दौरान इन घृणित आतंकियों को वित्तपोषित भी किया था। पाकिस्तान की अदालत ने क़ादरी और रिज़वी को सेना व आईएसआई के आदेश पर रिहा किया है।”
नेता ने कहा कि “आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच हुए समझौते और स्थितियों को तोड़ने की तरफ यह पहला कदम था।” पाकिस्तान के जिहादी संगठन और सेना दोनों आज भी एक ही है।
हुसैन ने कहा कि “अगर पाकिस्तान ने न्याय प्रणाली स्वतंत्र होती तो हज़ारो कार्यकर्ताओं और विभिन्न सियासी दलों के राजनेताओं को पश्चिम में शरण की जरुरत नहीं पड़ती।”