पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan)ने मुल्क की अर्थव्यवस्था को बिगाड़ने वाले चोरो को नहीं बख्शने का संकल्प लिया है। बीते 10 वर्षों में कई राजनीतिक हस्तियां भ्रष्टाचार में संलिप्त थी और वह इसके लिए उच्च स्तर की समिति का गठन करेंगे। यह एक मध्यरात्रि की दुर्लभ भाषण था।
खान सरकार ने मंगलवार को संसद में साल 2019-20 का वित्तीय बजट पेश किया था और इसके बाद इमरान खान ने देश के वित्तीय संकट के बाबत जनता को बताया था। इमरान खान ने कहा कि “सारी आर्थिक समस्या कर्ज के कारण है जो दस वर्षों में 6 लाख से 30 लाख बढ़कर हो गया है।”
उनका भाषण तब आया जब पंजाब विधानसभा के विपक्ष के नेता हमजा शहबाज़ को नॅशनलिटी अकॉउंटबलिटी ब्यूरो द्वारा धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था। सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी को भी एनएबी ने अरबो रूपए के धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ भी साल 2018 में भ्रष्टाचार मामले में जेल की सजा काट रहे हैं। इमरान खान ने ऐलान किया कि उनकी सरकार का प्राथमिक फोकस अर्थव्यवस्था को स्थिर करना है। उनका ध्यान देश को इस बदतर स्थिति में लेकर जाने वालो को पकड़ने पर है।
प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि “पाकिस्तान अब स्थिर है। अर्थव्यवस्था को स्थिर करने का दबाव अब हट गया था। अब मैं भ्रष्ट नेताओं को जेल भेजूंगा। मैं एक एजेंडा के साथ एक उच्च स्तर की समिति का गठन करूँगा कि कैसे 10 सालो में कर्ज बढ़कर 24 लाख करोड़ हो गया है।”
उन्होंने कहा कि “यह समिति फ़ेडरल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी, इंटेलिजेंस ब्यूरो, इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस, फ़ेडरल बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू और सुरक्षा एवं विनिमय समिति पाकिस्तान के साथ मिलकर कार्य करेंगे।” साल 2008 से पाकिस्तान पीपल पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ का सत्ता पर कब्ज़ा था और कर्ज बढ़ने में उनका हाथ है।
उन्होंने कहा कि “जो भी सत्ता में हैं समिति उनकी जांच करेगा। अगर मेरी जान भी चली गयी तो मैं इन चोरो को नहीं बख्शुंगा। मैंने अल्लाह से एक मौके की मांग की है, मैं इन्हे नहीं छोडूंगा। धीमी आर्थिक वृद्धि के लिए उन्होंने दोनों पूर्ववर्ती सरकारों पर इल्जाम लगाया है।