अमेरिका में डेमोक्रेटिक की तरफ से राष्ट्रपति पद के दावेदार जो बिडेन ने कहा कि “अमेरिका अफगानिस्तान में खुद को आतंकवाद का पीड़ित बनने से रोक सकता है अगर वह आतंकवाद के खिलाफ अभियान में वहां मौजूद पाकिस्तान से उसके ठिकानों को मुहैया करने का आग्रह करे।”
2020 की राष्ट्रपति चुनावो की उम्मीदवारी के लिए गुरूवार को डेमोकेटिक पार्टी का डिबेट सत्र था जिसमे बिडेन आक्रमक हो गए थे। 76 वर्षीय पूर्व उप राष्ट्रपति ह्यूस्टन में तीन घंटो तक अपनी विरोधी उदारवाद बर्नी सेंड़ेर्स और एलिज़ाबेथ वारेन के खिलाफ काफी सख्त रहे थे।
पहली दो चर्चा के मुकाबले बिडेन इस दफा अधिक तेज तर्रार और आक्रमक थे और अमेरिका में स्वास्थ्य सुविधा को लेकर उनका विरोधियो के साथ बहस काफी बढ़ गयी थी।
उन्होंने कहा कि “बात है कि यह अमेरिका की आतंकवाद रोधी रणनीति है। हम एयर बेस और पाकिस्तान से उसके ठिकानों को मुहैया करने का आग्रह कर अमेरिका को अफगानिस्तान के आतंकवाद से बचा सकते हैं।” अफगानिस्तान में सबसे लम्बी जंग में अमेरिका के 14000 सैनिक वहां मौजूद है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के वार्ताकार ज़लमय खलीलजाद ने तालिबान के साथ शान्ति समझौते का ऐलान किया था। डील के तहत उन्होंने बताया कि अमेरिका अफगानिस्तान से 20 हफ्तों में 5400 सैनिको को वापस बुलाएगा। हालाँकि खलीलजाद ने कहा कि समझौते को अंतिम मंज़ूरी ट्रम्प ही देंगे।
ट्रम्प ने तालिबान के नेताओं और उसके अफगानी समकक्षियो के साथ गुप्त बैठक को रद्द कर दिया था क्योंकि तालिबान ने काबुल में एक हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमे 11 नागरिको सहित एक अमेरिकी सैनिक की भी मौत हो गयी थी। डेविड कैंप में बीते हफ्ते रविवार को डोनाल्ड ट्रम्प को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और तालिबान के नेताओं के साथ मुलाकात करनी थी।
उन्होंने वार्ता रद्द करने का ऐलान अमेरिका और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच नौ दौर की बातचीत के बाद किया है। दोनों पक्षों के बीच मुलाकात कतर में तालिबान के राजनीतिक दफ्तर में होती थी।