Fri. Nov 8th, 2024

    पाकिस्तान ने अमेरिका से उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर निकालने का आग्रह किया है। एफएटीएफ वैश्विक धनशोधन और टेरर फाइनेंसिंग (आतंकवाद का वित्त पोषण) पर निगरानी रखती है। डॉन न्यूज ने एक रिपोर्ट में कहा कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार रात यहां एक न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकलने की उसकी कोशिश का अगले महीने बीजिंग में होने वाली बैठक में अमेरिका समर्थन करेगा।

    उन्होंने कहा, “यह बैठक हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद ही अप्रैल में पेरिस में पूरक बैठक होगी, जिसमें वैश्विक संस्था यह निर्णय लेगी कि पाकिस्तान को इस सूची में रखना चाहिए या निकालना चाहिए।”

    एफएटीएफ ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में डाल दिया है जो धन शोधन को खत्म करने में नाकाम रहे हैं और जहां आतंकवादी अपनी गतिविधियां जारी रखने के लिए अभी भी धन कमा सकते हैं।

    पाकिस्तान अगर अप्रैल तक इस सूची से नहीं निकला तो उसे ब्लैकलिस्ट (काली सूची) में डाल दिया जाएगा और उस पर कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे, जैसे अभी ईरान पर लगे हैं।

    शुक्रवार को तीन दिवसीय अमेरिका दौरा पूरा कर लौटे कुरैशी ने वहां अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) रॉबर्ट ओब्रायन समेत सरकार के प्रमुख मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात की थी।

    कुरैशी ने अपनी समाचार ब्रीफिंग में अमेरिका से पाकिस्तान के लिए उसके यात्रा निर्देश की समीक्षा करने और यहां निवेश करने को बढ़ावा देने का आग्रह किया।

    अमेरिकी ट्रैवल एडवाइजरी (यात्रा संबंधी दिशा-निर्देश) में पाकिस्तान अभी भी ऐसा देश है, आतंकवादी खतरों के कारण जहां की यात्रा करने से अमेरिकी नागरिकों को बचना चाहिए।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *