अफगानिस्तान और पाकिस्तानी विभागों ने बुधवार को राउंड द क्लॉक ऑपरेशन को शुरू किया था। दोनों देशो का मकसद द्विपक्षीय और ट्रांजिट ट्रेड को बढ़ाना है। पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री इमरान खान ने आला अफगान अधिकारियो के साथ अधिकारिक तौर पर तोरखम बॉर्डर पोस्ट का उद्घाटन किया था जिससे रोजाना 10000 लोग गुजरेंगे।
इस कदम का मकसद दोनों दक्षिण एशियाई देशो के बीच पारंपरिक संबंधों में सुधार लाना है। दोनों देशो के बीच 2600 किलोमीटर की सीमा है। क्रासिंग को सिर्फ 12 घंटो के लिए संचालित किया जायेगा। अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी ने जून में पाकिस्तान की यात्रा के दौरान इमरान खान से दोनों देशो के बीच व्यापार को सुगम करने का आग्रह किया था।
अफगानिस्तान अधिकतर पाकिस्तानी जमीन का इस्तेमाल अंतररष्ट्रीय व्यापार के लिए करते हैं। एक स्थानीय व्यापारी हबीब रहमान ने पाकिस्तानी अख़बार डॉन से कहा कि “दोनों देशो के बीच स्थानीय व्यापार में कमी आई है और 24/7 के खुलने से काफी फायदे होंगे।”
तोरखम में पाकिस्तान-अफगान मैत्री अस्पताल का उद्घाटन संयुक्त रूप से करेगा। अफगान नागरिक इस क्रासिंग पॉइंट का इस्तेमाल कर के अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की मुहैया करेंगे।
Construction of Pak-Afghan Friendship Hospital in #Torkham, Khyber District is completed. Prime Minister @ImranKhanPTI will be inaugurating it today pic.twitter.com/Giy1RyyDAL
— PTI (@PTIofficial) September 18, 2019
पाकिस्तान ने साल 2017 में अफगानिस्तान से सटे सभी बॉर्डर्स को बंद कर दिया था। इसका कारण निरंतर सरजमीं पर हमला था जिससे 130 लोगो की मौत हो गयी थी। बीते वर्ष प्रधानमन्त्री खान ने मानवीय आधारों पर सबी ट्रैफिक के लिए सीमा को दोबारा खोलने के आदेश दिए थे।
इस्लामाबाद और काबुल ने एक-दूसरे पर आतंकवादी समूहों को पनाह देने का आरोप लगाया था। दोनों पक्षों ने इन आरोपों को खारिज किया है। इस वर्ष के शुरुआत में पाकिस्तान की सेना ने सुरक्षा बाधाओं का निर्माण करने की शुरुआत की थी। इसमें सर्विलांस तकनीक का इस्तेमाल किया गया था जिसका मकसद सीमा पार आवाजाही पर निगरानी रखना है।