अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब ने पाकिस्तान पर तंज कस्ते हुए कहा कि “वह आतंकियों का समर्थन करता है और कहा कि वह सुरक्षा परिषद् में की अपनी प्रतिबद्धताओं को नहीं निभा रहा है, ताकि आतंकी उसकी सरजमीं पर आज़ाद घूम सके।”
पाकिस्तान की पनाह में छिपे जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर के खिलाफ यूएन के तीन स्थायी सदस्य अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन वैश्विक आतंकी में शामिल करने का प्रस्ताव लाये थे और यूएन 13 मार्च इस पर निर्णय लेगा।
न्यूयोर्क में एशिया सोसाइटी को सम्बोधित करते हुए मोहिब ने कहा कि “जब तक पाकिस्तान की तरफ से कार्रवाई की इच्छा नहीं दिखेगी, हम उनके साथ राब्ता नहीं रखेंगे। चाहे जो शब्द उनके पास हो या वह कहने के इच्छुक हो। वे हमेशा बेहद अच्छे रहे हैं। वे भाईचारे और ऐतिहासिक जुड़ाव की बात करते हैं, इसके बाद आतंकवादी हमारे यहां आते हैं और भाईचारा छू हो जाता है।”
उन्होंने कहा कि “अफगानिस्तान-पाकिस्तान एक्शन प्लान फॉर पीस एंड सॉलिडेरिटी को दोनों मुल्कों की सरकारों ने शान्ति के लिए मंज़ूरी दी थी। हालाँकि इस्लामाबाद की मौजूदा सरकार के कार्यकाल में भी इस प्लान को अमल में नहीं लाया गया है। इस प्लान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के कार्यकाल में मंज़ूरी दी गयी थी।”
वांशिगटन में पूर्व राजदूत ने कहा कि “पाकिस्तान से तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और पाकिस्तानी तरफ प्लान को अमल में लाने में कोई दिलचस्पी भी नहीं दिख रही है। किसी भी पहलु पर पाकिस्तान हमें कोई सहयोग नहीं कर रहा है।” उन्हें रेखांकित किया कि कैसे पाकिस्तान ने अफगानिस्तान का व्यापार मार्ग बंद किया और इसके कारण उन्हें उज़्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और चाहबार के माध्यम से भारत तक पंहुच मिली थी।
उन्होंने कहा कि “भारत और अफगानिस्तान एयर कॉरिडोर साल 2017 में शुरू किया गया था। इससे अफगानिस्तान में अवसरों की भरमार आएगी, न सिर्फ व्यापार में वृद्धि के लिए बल्कि आयातों के विकल्पों के लिए भी यह फायदेमंद होगा। सोमवार को इस कॉरिडोर का विस्तार हेरात तक होने की सम्भावना है।