पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में शनिवार को भारी प्रदर्शन होने की सम्भावना है। 19 सितम्बर को न्यूयोर्क टाइम्स ने रिपोर्ट प्रकाशित की कि “यहाँ के निवासियों ने भारत के साथ लगने वाली सीमा पर शनिवार को भारी प्रदर्शन करने की योजना बनायीं है और और अक्टूबर के शुरुआत में अब तक का यह सबसे बड़ा प्रदर्शन होगा।”
रिपोर्ट ने रेखांकित किया कि “पीओके में आज़ादी की मांग बढ़ने लगी है। आज़ादी समर्थक आन्दोलन हजारो प[रादार्शंकरइयो को आकर्षित कर रहा है। ऐसे प्रदर्शन दुर्लभ ही पाकिस्तानी मीडिया में दिखाए जाते हैं और इस इलाके में मोबाइल और इन्टरनेट की सुविधा को जाम कर दिया गया है।”
एक सैन्य जनरल ने भारतीय एजेंट्स कहकर इस प्रदर्शन को ख़ारिज कर दिया था। बाशिंदों ने कहा कि “समूचे इलाके में आज़ादी समर्थक प्रदर्शन हाज़ारो लोगो को आकर्षित कर रहे हैं।” हालाँकि पीओके के राष्ट्रपति मसूद खान पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई का बचाव करते हैं। उन्होंने कहा कि “इस महीने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस बल की कार्रवाई रक्षात्मक थी।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान द्वारा इस सूबे में मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघन को देखने के लिए निवासियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की गुहार लगाई है।
भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया है और राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशो में विभाजित कर दिया है। पाक ने इस मामले को यूएन के समक्ष भी रक्षा था लेकिन अधिकतर देशो का सहयोग भारत के पक्ष में था और नई दिल्ली भी अपनी स्थिति पर कायम रही कि यह भारत का अंतरिम मामला है और इसके किसी तीसरे पक्ष का दखल बर्दाश्त नहीं होगा।