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    पीओके पाकिस्तान सरकार

    पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के युवाओं ने मुज्जफराबाद शहर व अन्य भागों में पाकिस्तान की सेना और ख़ुफ़िया विभाग आईएसआई के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किये। सोमवार को मुज्जफराबाद में पाक सेना की दमनकारी नीति के खिलाफ जम्मू कश्मीर नेशनल स्टूडेंट फेडरेशन ने एक रैली का आयोजन किया था।

    प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए कि ‘यह जो दहशतगर्दी है, उसके पीछे वर्दी है’, साथ ही उन्होंने सेनाध्यक्ष जावेद कमर बाजवा के खिलाफ लगाए। हाल ही में पुलिस ने मुज्जफराबाद शहर में छात्रों के खिलाफ लाठी चार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया था।

    भारत के विभाजन के बाद जम्मू कश्मीर का एक भाग पाकिस्तान ने अपने कब्जे में ले लिया था। साल 1947 से पीओके और गिलगिट बाल्टिस्तान पाकिस्तान के अधिकार में हैं और तभी से वहां के नागरिक कई समस्याओं का सामना करने का दावा कर रहे हैं।

    बेरोजगारी, गरीबी और बुनियादी सुविधाओं में कमी इस क्षेत्र की जनता की प्रमुख परेशानियां है। उनके मुताबिक जब भी वे अपने अधिकारों की बात करते हैं, सेना उनके साथ दमनकारी नीति अपनाती है।  पीओके और गिलगिट बाल्टिस्तान के कई भागों में जमकर प्रदर्शन हो रहा है।

    हाल ही में गिलगिट बाल्टिस्तान से एक उभरता हुआ राजनीतिक कार्यकर्ता बाबा जन इसका प्रतिनिधित्व कर रहा है। वह आठ साल से भी अधिक समय तक कारावास में है और हालात खराब होने के बावजूद उन्हें इलाज देने से इनकार कर दिया था। गिलगिट की हुनज़ घाटी में उनके समर्थकों, परिवारजनों और दोस्तों ने तत्काल रिहाई और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करने की मांग की है।

    प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस्लामाबाद के कठपुतली बने यहाँ के अधिकारियों ने इस क्षेत्र के लिए कुछ नही किया है। बाबा जन ने ऐसे अधिकारियों के खिलाफ आवाज़ उठाई थी जो जनता की मर्जी के खिलाफ, इस्लामाबाद के खजाने को भरने के लिए कार्य करते हैं।

    बाबा जन के एकमात्र पत्र ने इस क्षेत्र नेताओं, एनजीओ, सरकारी विभागों कर स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोल दी थी। इए क्षेत्र की जनसंख्या 25 लाख है लेकिन एक भी विभाग यहां स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करने के पक्ष में नहीं है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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