पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने मंगलवार को आसिया बीबी की रिहाई के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। आसिया बीबी पर ईशनिंदा के आरोप लगाये गए थे। तीन सदसयीय पीठ के मुखिया मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा कर रहे थे। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इसे खारिज कर दिया है।
शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “योग्यता के आधार पर इस पुनर्विचार याचिका को खारिज किया जा सकता है। बीते वर्ष शीर्ष अदालत ने आसिया बीबी को मृत्युदंड की सज़ा से आज़ादी दी थी। याचिकाकर्ता वकील से मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “आप शीर्ष अदालत के फैसले पर एक भी गलती निकालने में असमर्थ रहे हैं।”
इस याचिका को कारी मोहम्मद सलमान ने अपने वकील गुलाम मुस्तफा चौधरी से दायर करवाई थी। इस याचिका में दावा किया कि आसिया बीबी ने जांच के दौरान अपने गुनाह को कबूल किया था, प्राथमिकी दर्ज करवाने में देरी का यह मतलब नहीं की वह अपने अपराध के लिए शर्मिंदा नहीं है।
इस पुनर्विचार याचिका के ख़ारिज हो जाने के बाद आसिया बीबी के मार्ग से अंतिम रोड़ा भी हट गया है। आसिया बीबी को अब देश छोड़ने की इजाजत मिल सकती है। आसिया बीबी की रिहाई पाकिस्तान की शीर्ष अदालत का एक ऐतिहासिक निर्णय था। इस फैसले के बाद कट्टरपंथी इस्लामिकों में देश में हिंसक प्रदर्शन किये थे और इसके बाद सरकार ने प्रदर्शनों को रुकवाने के लिए कट्ठारपंथियों के साथ समझौता किया था। फिलहाल आसिया बीबी सरकार के संरक्षण में हैं।
तहरीक-ए-लाबैक पार्टी ने आसिया बीबी के रिहाई के विरोध में पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन किये थे, जिसका नेतृत्व खादिम रिज़वी कर रहा था। तीन दिन तक चले इस प्रदर्शन में पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में आगजनी और सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया था। इस प्रदर्शन के बाद इमरान खान ने आसिया बीबी के देश छोड़ने पर पाबंदी लगा दी थी।
आसिया बीबी को साल 2010 में एक उच्च अदालत ने ईशनिंदा का आरोपी मानते हुए मौत की सज़ा सुनाई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने मुस्लिम पड़ोसियों के गिलास से पानी पी लिया था और फिर धर्म परिवर्तन करने के लिए मना कर रही थी।