पाकिस्तान के हवाई मार्ग के बंद रहने से भारत मे अफगानिस्तान की व्यावसायिक उड़ानों में कमी देखने को मिली थी और इस कारण निर्यात में भी काफी कमी देखी गयी है। इसमे ड्राई फ्रूट, सब्जियां, ताजे फल, कार्पेट और हैंडीक्राफ्ट शामिल है।
अफगानिस्तान के चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अधिकारी मीर ज़मान पोपल के हवाले से टोलो न्यूज़ ने पुष्टि की कि अफगानी किसान और निवेशकों को नुकसान का खामियाजा भुगतना होगा अगर पाकिस्तान हवाई मार्ग फल और सब्जियों के पैदावार के मौसम के दौरान भी बंद रहेगा।
उन्होंने कहा कि “अफगानी उड़ानों के लिए पाकिस्तानी हवाईमार्ग का बंद रहने एक गंभीर मामला है और हम जानते है कि हालात यही रहे तो चुनौतियां बढ़ सकती है।”
भारत की वायुसेना ने 26 जनवरी को बालाकोट में स्थित जैश ए मोहम्मद के चरमपंथियों के ठिकानों पर हमला किया था। इसके बाद पाकिस्तान ने सभी व्यावसायिक उड़ानों को रद्द कर दिया था।
यह हवाई हमला 14 फरवरी को भारत के सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले का प्रतिकार था ।मार्च में पाकिस्तान ने कुछ उड़ानों के लिए मार्ग को खोल दिया था लेकिन उसमें भारतीय फ्लाइट शामिल नही थी।
काबुल-दिल्ली उड़ानों के लिए अफगानी एयरलाइनर ईरान और चीन का मार्ग इस्तेमाल कर रहे हैं। कंपनियों के मुताबिक, यह अधिक खर्चीला और इसमे ज्यादा समय लगता है।
बीते माह पाकिस्तान ने कहा कि भारत के साथ पूर्वी सीमा पर स्थित हवाई मार्ग 14 जून तक बंद रहेगा। 14 वें इस्लामिक सहयोग की बैठक में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अफगानी राष्ट्रपति से एयरस्पेस की समस्या का समाधान करने का वादा किया था लेकिन काफी समय से कुछ भी नही हुआ है।
पाकिस्तान विमानन गलियारा मध्य में स्थित है और इस पर पाबंदी के कारण रोजाना सैकड़ो व्यावसायिक उड़ानों को नुकसान होता है। यात्रियों के लिए हवाई सफर की समयसीमा बढ़ जाती है और एयरलाइनर के लिए यात्रा का खर्च बढ़ जाता है।