भारत के शुक्रवार को कहा कि “पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने परमाणु तबाही की धमकी दी है।” भारत के यूएन में प्रतिक्रिया के अधिकार के तहत कहा कि “खान ने अपने भाषण में मतभेदों को गहरा करने और नफरत को बढाने को कहा है।”
यूएन में भारत की पहली सचिव विदिशा मैत्र ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने पर पाकिस्तान का क्रोधित रवैया सिर्फ संघर्ष को बढ़ा सकता है, कभी शांति की किरणों का इस्तकबाल नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री का इस पोडियम से असेंबली में बोला गया एक-एक शब्द इतिहास के आधार पर था। दुर्भाग्यवश हमने पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान से जो कुछ भी सुना वह विश्व का मनगढ़ंत किस्सा था, जैसे अमीर बनाम गरीब, उत्तर बनाम दक्षिण, विकसित बनाम विकाशसील, मुस्लिम बनाम अन्य। यह स्क्रिप्ट संयुक्त राष्ट्र का विभाजन करती है। यह मतभेदों को गहरा करने और नफरत को बढाने की कोशिश है।”
मैत्रा ने पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री को उनका पूरा नाम लेकर संबोधित किया था, जो इमरान खान निआजी है। उन्होंने कहा कि “प्रधानमन्त्री इमरान खान का परमाणु तबाही की धमकी देना अस्थिरता उत्पन्न करना है न कि राजनीति।”
यूएन में संबोधन के दौरान इमरान खान ने परमाणु जंग में गंभीर परिमाणों की धमकी दी थी। उन्होंने कहा कि “अगर दोनों देशो के बीच परमाणु जंग शुरू हो गयी तो कुछ भी हो सकता है। अपने पड़ोसी से सात गुना छोटे देश को क्या करना चाहिए, घुटने टेकने चाहिए या अपनी आज़ादी के लिए लड़ना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “मेरे यकीन से अगर दो परमाणु संपन्न देशो के बीच युद्ध होता है तो वह सीमाओं तक नहीं रह सकता है। मैं आपको चेतावनी दे रहा हूँ। अगर आप गलत करते है तो आप अपनी खैर मनाये लेकिन बर्बादी के लिए तैयार रहे।”