पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने शुक्रवार को दोहराया कि वह भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से विशेष प्रावधान को खत्म कर अपना आखिरी पत्ता फेंक दिया है। इस निर्णय को कश्मीर की अवाम कभी स्वीकार नहीं करेगी।”
इस्लामाबाद में कश्मीर सॉलिडेरिटी इवेंट में खान ने कहा कि “मुझे अल्लाह पर पूरा विश्वास है कि नरेंद्र मोदी जो भी कश्मीर की अवाम के साथ कर रहे हैं वो जल्द खत्म होगा। हम यहाँ जम्मू कश्मीर की जनता को सन्देश देने के लिए एकत्रित हुए हैं कि हम हमेशा उनके साथ खड़े हैं।”
उन्होंने कहा कि “कश्मीर की अवाम के लिए पाकिस्तान निरंतर जंग लड़ना जारी रखेगा हमारी महिलाये, हमारे बुजुर्ग और हमारे बच्चे सभी कश्मीर के नागरिको के अधिकारों के लिए लड़ेंगे।”
इमरान खान ने अफ़सोस व्यक्त किया कि हांगकांग के प्रदर्शन को अंतरराष्ट्रीय मीडिया सुर्खियों में रख रही है लेकिन जम्मू कश्मीर में मानव अधिकारों के उल्लंघन को नजरंदाज़ कर रही है। मैं इस दोहरे चरित्र के मामले को रेखांकित करना चाहता हूँ कि कश्मीर भारत का अंग नहीं है जबकि हांगकांग चीन का हिस्सा है। हालाँकि हांगकांग में प्रदर्शन की कवरेज के मुकाबले कश्मीरी जनता को काफी कम कवरेज दी जा रही है।”
खान ने कहा कि “दो महीनो से 80 लाख लोग कर्फ्यू में हैं लेकिन वैश्विक मीडिया इस भयावह स्थिति को सही तरीके से दिखाने में असफल रही है।”
एक ट्वीट में पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री ने पूछा की क्यों अंतर्राष्ट्रीय मीडिया कश्मीर में मानव अधिकार संकट की भयावह स्थिति को नजरअंदाज कर रहे हैं जबकि हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों को फ्रंट पेज पर प्रकाशित कर रहे हैं। उन्होंने यूएन में किये अपने दावे को दोहराया कि विवादित भूमि पर भारत ने अवैध तरीके से कब्ज़ा कर लिया है और 80 लाख कश्मीरियों पर नियंत्रण के लिए 90 हजार सैनिको की तैनाती की गयी है।