Thu. May 2nd, 2024
पाकिस्तान इस्लामाबाद

पाकिस्तान में अब पुलिस ने हजारों की संख्या में डटे हुई इस्लामवादी रैली को हटाने के लिए अभियान शुरू किया है। रावलपिंडी के गैरीसन शहर के साथ पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद को जोड़ने वाले एक चौराहे पर बड़ी संख्या में इस्लामी ग्रुप के समर्थकों काफी दिनों से जमे हुए थे।

तकरीबन 20 दिनों से इस जगह पर हजारों की संख्या में डेरा डाले हुए समर्थकों को पाकिस्तान पुलिस ने वहां से हटाने के लिए अभियान चलाया है।

तहरीक-ए-लबैक के समर्थकों को हटाने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने जमकर लाठियां बरसाई। पुलिस ने बड़ी संख्या में भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए आंसू गैस के गोले बरसाए। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने भी कुछ समय बाद पुलिस की इस कार्यवाही पर उग्र रूप धारण कर लिया है।

उग्र भीड़ द्वारा पुलिस के ऊपर अभी भी हमले किए जा रहे है। जानकारी के अनुसार इसमें एक पुलिसकर्मी की मौत व अन्य घायल हुए है। वहीं 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हुए है। इस हमले में उग्र भीड़ ने बड़ी संख्या में पुलिस के वाहनों को आग के हवाले कर दिया है।

शनिवार की सुबह तक को पुलिस धीरे-धीरे क्षेत्र को खाली करवाकर जमा भीड़ को तीतर-बीतर करने में लगी हुई थी। ये प्रदर्शनकारी आस-पास की गलियों में छिप गए थे। फिर वापस से प्रदर्शनकारी एकत्रित हुए और पुलिस पर हमला बोल दिया।

अभी भी पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच में जंग चल रही है। पुलिस प्रशासन ने इस कार्यवाही पर मीडिया को लाइव कवरेज लेने पर भी रोक लगा दी है।

पाकिस्तान इस्लामाबाद रावलपिंडी

कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने की कार्यवाही

इसके साथ ही पुलिस ने आस-पास के दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया है। पिछले 20 दिनों से डटे ये प्रदर्शनकारी हटने को तैयार ही नहीं थे।

जिसके बाद कोर्ट में एक याचिका लगाई गई जिसमें कहा गया कि इससे आम जीवन बाधित हो रहा है। जिसके बाद पुलिस को कोर्ट ने आदेश दिया था कि वो इस विरोध को रोके।

आधी रात को समयसीमा समाप्त होने के बाद पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अभियान शुरू किया। आंसू गैस के गोलों से आस-पास कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।

टेलीविजन फुटेज से पता चलता है कि पुलिस उस जगह का नियंत्रण लेने की कोशिश कर रही है। ये प्रदर्शनकारी पैगम्बर मुहम्मद के गलत संदर्भ दिए जाने पर कानून मंत्री को हटाने की मांग कर रहा था।