पाकिस्तान में अधिकारों की कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल ने खुलासा किया कि वह श्रीलंका से अमेरिका भागी थी। अफगानिस्तान के पत्रकार बशीर अहमद गवाख को मशाल रेडियो पर दिए बयान में इस्माइल ने कहा कि “वह करीब छह महीनो तक पाकिस्तान में छुपती रही और इसके बाद अपने दोस्तों की मदद से श्रीलंका चली गयी।”
श्रीलंका से अमेरिका भागी कार्यकर्ता
इस्माइल ने पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मियों द्वारा यौन शोषण के मामले को उठाया था। देश की महिलाओं के साथ किये जा रहे अत्याचारों को उन्होंने जोर शोर से उठाया था तो उन पर देशद्रोह किए आरोप थोप दिए गए थे। 32 वर्षीय कार्यकर्ता अब न्यूयोर्क में अपनी बहन के साथ रह रही है।
इस्माइल ने अमेरिका में राजनीतिक शरण के लिए भी आवेदन किया है। अमेरिका में आने के बाद भी वह अपने माता-पिता और छिपने के दिनों में मदद करने वालो के लिए भी चिंतित है। उन्होंने कहा कि “पाकिस्तान सोचता है कि अमेरिकी विभाग मुझे परिवार समेत देश छोड़ने के लिए मजबूर करेगा लेकिन मैं अमेरिका में भी अपना संघर्ष जारी रखूंगी।”
पाकिस्तान में सेना की आलोचना होती रही है और इस्माइल का अभियान महिलाओं पर केन्द्रित था। उनके मुताबिक, सेना बलात्कार, हत्या, अगवा और अन्य अत्याचार करती है। सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी सैनिको के खिलाफ आरोप लगाने के बाद इस्माइल मई में देश छोड़कर भाग गयी थी।
उन्होंने अपने पोस्ट में पाकिस्तानी सैनिको पर महिलाओं के बलात्कार और यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस महिला अधिकार कार्यकर्ता ने पश्तून आन्दोलन में भी भाग लिया था और पाकिस्तान की सेना के लिए एक और सिरदर्द बन गयी थी। पाकिस्तानी सेना पश्तून आन्दोलन को बुरी तरह कुचलने माँ नाकाम साबित हुई थी।
इस्माइल ने कहा कि “अमेरिका में पश्तून आन्दोलन को लेकर कुछ ग़लतफ़हमियाँ है जिन्हें सुधारना जरुरी है। वहां से मैं लड़ना शुरू करुँगी और दुनिया जानेगी कि पश्तून जंग के पीड़ित रहे हैं।” मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को यकीन है कि इस्माइल के खिलाफ देशद्रोह के आरोप झूठे हैं।
इस्माइल पर सरकार ने देश से बाहर जाने की पाबन्दी लगा रखी थी। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते वर्ष नवम्बर में इस्लामाबाद उच्च अदालत को सूचित किया गया कि आईएसआई ने इस्माइल का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाल रखा है। अदालत ने नाम हटाने का फरमान सुनाया और आंतरिक मंत्रालय को उचित कार्रवाई करने की अनुमति दी थी।