पाकिस्तान में सिख समुदाय की लडकियों का जबरन धर्मांतरण से देश में अल्पसंख्यक समुदाय खुद को असुरक्षित स्थिति में देख रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार करतारपुर और नानका साहिब गुरुद्वारों तक यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को मदद मुहैया करेंगे।”
उन्होंने कहा कि “खान ने यह बयान गवर्नर के आवास परइंटरनेशनल सिख कन्वेंशन के दौरान दिया था। यह कोई एहसान नहीं है, यह हमारा फर्ज है। करतारपुर और नानक साहिब सिखों के लिए बेहद पाक स्थल है जैसे मुस्लिमो के लिए मक्का और मदीना है। मैं वादा करता हूँ कि जितना सरल हो सके मैं सिखों को वहां पहुचने में मदद करूँगा।”
भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर पर कई बैठको का आयोजन किया था। यह गलियारा पाकिस्तान में गुरुद्वारा साहिब को भारत के पंजाब के गुरुदासपुर से जोड़ेगा। हाल ही में जबरन धर्मांतरण की दो घटनाओं के कारण पाकिस्तानी पीएम की काफी आलोचनाये हो रही है।
19 वर्षीय जगजीत कौर गुरुद्वारा तम्बू साहिब के गरंटी भगवान सिंह की बेटी है और बन्दूक की नोक पर लड़की से इस्लाम कबूल करवाया गया है। परिवार ने जगजीत कौर की सही सलामत वापसी के लिए पाकिस्तानी प्रधानमन्त्री और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश से भी गुहार लगाई है।
सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष और अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह ने भी इस वारदात की निंदा की है। उन्होंने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर से इस मामले को उठाने का आग्रह किया है।
जगजीत कौर से सम्बंधित एक विडियो भी सामने आया है जिसमे उसका इस्लाम में धर्मांतरण किया जा रहा है और उसको आयशा का नाम दिया गया और उसकी शादी एक मुस्लिम युवक से कर दी गयी थी।