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    पाईलेट्स pilates exercise in hindi

    पाईलेट्स एक ऐसा व्यायाम है जिसके करने से आप चुस्त और तंदरुस्त तो रहेंगे ही, लेकिन साथ ही, यदि आपके पीठ के नीचले हिस्से में दर्द हो, तो वो भी ठीक हो जाता है।

    इस व्यायाम का आविष्कार सबसे पहले, पहले विश्व युद्ध में, घायल जवानों के लिए, जोसेफ पाईलेट्स  द्वारा किया गया था। इससे उनकी शक्ति बढ़ती थी और फ्लेक्सिबिलिटी भी संतुलित रह्ती थी। इसलिए आज भी, बहुत सारे लोग, इस व्यायाम का प्रयोग करते हैं।

    विषय-सूचि

    पाईलेट्स क्या है? (what is pilates in hindi)

    pilates benefits in hindi

    ये कुछ आसान व्यायामों का मिलन है, जिसके करने से हमारी अंतर शक्ति और जोड़ों की शक्ति बढ़ जाती है। इसके अलावा, ये हमारे मसल्स के लिए भी अच्छा होता है।

    पाईलेट्स के छ: सिद्धांत हैं, जिन्हें जानने से हम इस व्यायाम को और भी तरकीबी और अच्छे से कर सकते हैं। वो सिद्धांत कुछ ऐसे हैं:

    1. सेंटरिंग – हमारा ऊपरी शरीर हमारी सारी ताकत और शक्ति का सेंटर है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इन व्यायामों को बनाया गया है।
    2. ध्यान – यदि आपका पूरा ध्यान इस बात पर रहे की आपका शरीर किस तरह से हिल रहा है, तो आपके व्यायाम को एक अच्छा आकार मिल जाएगा।
    3. साँस – जब आप ये व्यायाम का प्रयोग करते हैं तो आपके साँस पर आपका पूरा ध्यान होना चाहिए। ये एक बहुत ही महत्व्पूर्ण तत्व है जो आपके सैल्ज़ और टिशूज़ का फायदा करता है।
    4. नियंत्रण – अपने हाथों, पैरों और शरीर के हर एक हिस्से पर नियंत्रण होना, पाईलेट्स का एक आवश्यक सिद्धांत है।
    5. बारीकी – ये व्यायाम पूरी तरह से बारीकी पर निर्भर है।  जितना ज़्यादा ध्यान से और बारीकी से आप ये व्यायाम करेंगे, उतना की ज़्यादा आपको इसका फायदा होगा।
    6. फ्लुईडिटी – जैसा की पहले बताया गया है, पाईलेट्स अनेक आसान व्यायामो का मिलन है। इसलिए एक व्यायाम से दूसरे व्यायाम में जो बद्लाव आता है, उसमें द्रव्ता और निरंतरता होनी ज़रूरी है।

    ये थे पईलेट्स के छ: सिद्धांत्। पाईलेट्स दो तरह के होते हैं – मैट पाईलेट्स और रिफौर्मर पाईलेट्स्।

    मैट और रिफौर्मर पाइलेट्स के बीच का अंतर

    मैट पाईलेट्स: इस तरह के पाइलेट्स में अनेक तरह के व्यायाम, एक दरी या मैट पर, ऊपरी और निचले पीठ के लिए, पेट के लिए, और पाँव के लिए किए जाते हैं।

    इस तरह के पाईलेट्स से हमारा पूरा ध्यान शरीर पर होता और हम उस पर नियंत्रण पा सकते हैं। इसलिए ये तरीका शुरुआती लोगों के लिए अच्छी है।

    रिफौर्मर पाईलेट्स: इस तरीके के पाईलेट्स में कुछ उपकरण के इस्तेमाल किए जाते हैं जिसे जोसेफ पाईलेट्स द्वारा बनाए गए थे,  घायल जवानों के इलाज के लिए।

    इस उपकरण की मदद से सारे व्यायामों को एक नियंत्रित आकार मिलने में सहायता मिलती है और मसल्स को भी ताकत मिलती है।

    ये पाईलेट्स की कुछ बुनियादी जानकारी थी। इसके जानने के बाद, आप आसानी से पाईलेट्स के व्यायाम कर सकेंगे।

    पाईलेट्स क़े व्यायाम (pilates exercise in hindi)

    पाईलेट्स 100 (pilates 100)

    Pilates 100 in hindi

    1. सबसे पहले अपने पीठ पर लेट कर, अपने हाथों को आपके शरीर के पास रखें। यहाँ आपके हथेली को ज़मीन पर रखिए।
    2. दोंनों पैरों को ज़मीन से ऊपर उठाएँ और घुटनों को आपके छाती के पास ले आएँ।
    3. धीरे से अपने चेहरे, गर्दन और ऊपरी पीठ को ऊपर उठाकर, इस तरह से अपने पैर कौ सीध करें कि आपके पैर और ज़मीन के बीच 60 डिग्री का ऐंगल बने।
    4. अब अपने हथेली को ज़मीन की ओर रखकर, अपने हाथों को ऊपर नीचे करें।
    5. इसे पाँच बार करें।

    सिंगल लेग सर्कल्स (single leg circle)

    single leg circle in hindi

    1. एक दरी या मैट पर लेटकर, अपने हथेली को ज़मीन पर रखते हुए, हाथों को शरीर के पास रखें।
    2. दोनो घुटनों को मोड़कर, अपने तलुवे ज़मीन पर रखें।
    3. दाएँ पैर को इस तरह सीधा करें की आपके पैर और ज़मीन के बीच 90 डिग्री का ऐंगल बने।
    4. दाएँ पैर को ऐसे ही सीधा रखते हुए, उसे धीरे से अपने बाएँ कंधे की तरफ से अपने दाएँ कंधे की ओर एक गोल बनाते हुए ले जाएँ।
    5. इसे पाँच बार करने के बाद, यही चीज़ अपने बाएँ पैर के साथ करें।

    मर्मेड (Mermaid)

    Mermaid in hindi

    1. एक दरी या मैट पर, अपने घुटनों के बल बैठिए। अपने पूरे वज़न को दाएँ ओर की तरफ करते हुए, अपने कमर को इस तरह ज़मीन पर रखिए की आपके पैर मोड़े हुए ही अपके कमर के पास रहे।
    2. अपने बाएँ हाथ को दरी पर कोहनी के बल रखते हुए, अपने दाएँ हाथ को ऊपर उठाएँ।
    3. धीरे से अपने बाएँ ओर की तरफ झुक जाइए।
    4. दो बार करने के बाद, इसी चीज़ को दुसरी तरफ दोहराएँ।

    क्रिस-क्रॉस (criss cross)

    Criss-Cross in hindi

    1. अपने दरी या मैट पर लेटकर, सबसे पहले अपने हाथों को अपने सिर के पीछे रखिए और धीरे से इसी पोज़िशन में अपने सिर को ऊपर उठाए। साथ ही अपने दोनो पैरों को इस तरह से ज़मीन से ऊपर करें की आपके पैर और ज़मीन क़े बीच 30 डिग्री का अंतर हो।
    2. अपने दाएँ पैर को मोड़ कर अपने छाती के तरफ लाइए, और साथ-साथ ही अपने ऊपरी शरीर को दाएँ दिशा में मोड़कर, अपने बाएँ कोहनी को दाएँ घुटने के पास ले जाइए।
    3. फिर से पहली पोज़िशन में आकर, यही चीज़ दुसरे दिशा में कीजिए।

    पाईलेट्स बैक बो (pilates back bow)

    pilates back exercise in hindi

    1. अपने दरी या मैट पर, अपने पेट के बल लेट जाइए। कोहनियों को मोड़कर, अपने हथेलियों को अपने कंधों के पास रखिए।
    2. धीरे से अपने सिर, छाती और जांघ को ज़मीन से ऊपर उठाएँ और कोहनियों को पीछे की तरफ धक्का दें।
    3. इस पोज़िशन में कुछ देर रुकें और फिर पहली पोज़िशन में लौट जाएँ।

    ये थे कुछ अनेक तरह के पाइलेट्स के व्यायाम जो शुरूआती तौर पर आप कर सकते हैं।

    पाईलेट्स के फायदे (benefits of pilates in hindi)

    पाइलेट्स के अनेक फायदे हैं और इन फायदों के लिए, पाईलेट्स के व्यायामों को करना हमारे चुस्ती और तन्दरुस्ती के लिए आवश्यक है। इनके कई लाभ हैं:

    1. ऊपरी शरीर को ताकत्वर बनाना
    2. स्टैमिना बढ़ाना
    3. मस्ल्स को बेहतरीन बनाना
    4. जोड़ों के दर्द को घटाना
    5. वज़न घटाना
    6. फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाना
    7. टेंशन कम करना
    8. घायल होने से बचाना

    इसलिए पाईलेट्स ना करने की वजह ही नहीं है। आगर कुछ आसान से व्यायाम करने से हमें इतने फायदे होते हैं तो हमें रोज़ ही करने और अपनाने चहिए। इससे हम ना सिर्फ स्वस्थ रहेंगे बल्कि हमारे शरीर में एक तरह का नियंत्रण भी आ जाएगा।

    इस विषय से सम्बंधित यदि आपका कोइ सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    3 thoughts on “पाईलेट्स क्या है? करने का तरीका और फायदे”
    1. Hello
      Mera naam Anshu h
      Main yeh puchna chahata hoon ki kya ye vyayaam ghar ke andar karne chahiye ya fir baahar?

    2. main helathy rehne ke liye roz yah vyayaam karta hoon ye mujhe flexibale banaata hai and mental and physical fitness maintain karne mein bhi madad karta hai ye ek bahut achchha vyayaam hai .

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