पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले में बेल्दा वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव में एक दुलर्भ दोमुंहा सांप मिला है। एक वन्य अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। सांप ईकरुखी गांव के लोगों को मिला, लेकिन उन्होंने उसे वन अधिकारियों को नहीं सौंपा। खबरें हैं कि पौराणिक मान्यताओं के चलते लोगों ने सांप को मारा नहीं, बल्कि जाने दिया।
बेल्दा वन क्षेत्र के अधिकारी सरबानी दास ने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों ने उनके स्टाफ के लोगों को कहा कि उन्होंने सांप को पहले ही छोड़ दिया है।
दास ने आईएएनएस से कहा, “जब हमारे कर्मचारी उस स्थान पर पहुंचे तो ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने पहले ही सांप को जंगल में छोड़ दिया है।”
गवर्नमेंट जनरल डिग्री कॉलेज सिंगूर में जूलॉजी (प्राणी विज्ञान) के एक प्रोफेसर साईकर सरकार ने कहा कि दो सिर वाले सांप में कुछ भी दिव्य या पौराणिक तथ्य नहीं है।
उन्होंने कहा, “यह जैविक संयोग है। जिस तरह कोई हाथी का बच्चा दो सिर के साथ पैदा होता है, उसी तरह एक सांप के भी दो सिर हो सकते हैं। यह एक विकासात्मक विसंगति है।”
सरकार ने ईकरुखी गांव में देखे गए सांप की पहचान दो सिर वाले कोब्रा के रूप में की।