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    केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिला जलपाईगुड़ी में जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में बदलने और इसकी जानकारी सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष दिए जाने से प्रदेश की ममता बनर्जी सरकार ने आश्चर्य जताया है। ममता सरकार बार-बार यह आरोप लगा रही है कि उसे केंद्र के इस कदम के बारे में अंधेरे में रखा गया।

    इस मुद्दे को लेकर बंगाल की तृणमूल सरकार और केंद्र सरकार के बीच हालिया विवाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्ष वर्धन द्वारा घोष को पत्र लिखे जाने से पैदा हो गया है।

    पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष को संबोधित 23 जनवरी की तारीख वाले औपचारिक पत्र में केंद्रीय मंत्री ने कहा है, “आपको यह बताते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है कि भारत सरकार ने पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी जिला चिकित्सालय को अपग्रेड कर उसे एक नया सरकारी मेडिकल कॉलेज बनाने का आदेश दिया है।”

    यही नहीं, हर्ष वर्धन ने उम्मीद भी जताई कि ‘घोष के स्फूर्तवान नेतृत्व में यह कॉलेज क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य जरूरतें पूरी करने में सहायता प्रदान करेगा और स्वस्थ तथा समृद्ध भारत सुनिश्चित करेगा।’

    प्रदेश भाजपा ने शुक्रवार रात अपने व्हाट्सएप ग्रुप पर पत्र की एक प्रति पोस्ट की, जिसका कैप्शन ‘बड़ा बदलाव’ था। ग्रुप में बताया गया कि लोकसभा सांसद घोष और जलपाईगुड़ी की सांसद जयंता रॉय ने ‘संसद में तथा हर्ष वर्धन के साथ हुईं कई बैठकों में यह मांग उठाई थी।’

    दावा किया गया है कि मेडिकल कॉलेज बनने से उत्तर बंगाल में स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ा सुधार होगा।

    राज्य सरकार ने इस फैसले पर हैरानी जताते हुए केंद्र पर उसे नजरंदाज करने का आरोप लगाया।

    राज्य की स्वास्थ्य राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, “हमने केंद्र को बहुत पहले ऐसा प्रस्ताव दिया था, लेकिन हमें इसकी औपचारिक सूचना तक नहीं दी गई। मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। केंद्र सरकार हमें सूचित किए बिना राज्य सरकार के अधीन किसी जिला अस्पताल को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज कैसे बना सकता है?”

    उन्होंने कहा, “आप जब तक राज्य सरकार से चर्चा नहीं करते, आप ऐसे महत्वपूर्ण जिला अस्पताल के बारे में कोई निर्णय लागू नहीं कर सकते।”

    राज्य में स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास ही है। उनकी सहयोगी चंद्रिमा भट्टाचार्य ने अस्पताल का दर्जा बढ़ाने के फैसले की जानकारी देने के लिए घोष को चुनने के केंद्र के फैसले पर भी सवाल उठाया।

    राज्यमंत्री और जलपाईगुड़ी के दाबग्राम-फूलबनी के विधायक गौतम देब ने भी यही कहा।

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