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    अफगानिस्तान

    तालिबान ने पश्चिमी अफगानिस्तान में स्थित फराह शहर में अफगानी सेना को भारी संघर्ष के लिए उकसाया और शुक्रवार सुबह से दोनों पक्षों के बीच संघर्ष जारी है। फराह पुलिस के प्रवक्ता मोहिबुल्लाह मोहिब ने बताया कि तालिबान ने तीन तरफ से शहर पर हमला किया था और इसके बाद तालिबान को पीछे धकेला गया था।

    तालिबान का हमला

    अमेरिका और तालिबान के बीच क़तर के दोहा में नौवे चरण की वार्ता के समापन के बाद शान्ति समझौते के काफी करीब पंहुचने का ऐलान किया गया था। दोनों पक्षों के मकसद करीब दो दशको की जंग को खत्म करना है। अमेरिकी-तालिबानी वार्ता के जारी होने के बावजूद तालिबान अफगानी सेना पर हमलो को अंजाम देता रहता है।

    एक दिन पूर्व ही तालिबान ने काबुल में ग्रीन जोन के नजदीक कार में बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी और इस हमले में 10 अफगान नागरिको की मौत हुई थी। अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ज़लमय खलीलजाद ने इस सप्ताह के शुरू में कहा था कि दोनों पक्ष समझौते के फ्रेमवर्क पर पंहुच गए हैं जिसके तहत अमेरिकी सैनिको को समझौते पर दस्तखत के 135 दिन बाद अफगानिस्तान के पांच सैन्य ठिकानों से अमेरिकी सैनिको को हटाया जायेगा।

    अमेरिका-तालिबान समझौता

    बुधवार को अफगान सरकार ने इस संभावित समझौते पर संदेह व्यक्त किया था और कहा कि इसके जोखिम के बाबत अधिक जानकारी की मांग की है। अफगानिस्तान में अमेरिका के 14000 सैनिको की तैनाती की गयी है जो देश के विभिन्न ठिकानो पर है।

    एक अफगान अधिकारी ने ज़लमय खलीलजाद से साथ हुए समझौते के बाबत बताया कि “यह सब उम्मीद पर कायम है। यहाँ कोई विश्वास नहीं है। यहाँ भरोसे का कोई इतिहास नहीं है। यहाँ तालिबान से ईमानदारी और संजीदगी का कोई सबूत नहीं है। वे सोचते हैं कि वे अमेरिका को बेवक़ूफ़ बना देंगे लेकिन अमेरिका को लगता है कि तालिबान धोखा दे सकता हिया और इसकी बेहद बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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