प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां तालकटोरा स्टेडियम में ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में सोमवार को कहा कि छात्रों को प्रकृति और जीवन के बीच संतुलन बनाना चाहिए। छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपनी जैविक घड़ी (जो समय उसके लिए उचित हो) के अनुसार अध्ययन करना चाहिए। औरंगाबाद के जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाली कक्षा 12वीं की छात्रा प्रेरणा ने पूछा कि दिन या रात में से कौन-सा समय पढ़ने के लिए सबसे अच्छा है? जबकि त्रिपुरा के जवाहर नवोदय विद्यालय से शुभाशीष ने पूछा “क्या मैं रात में पढ़ाई करके कुछ गलत कर रहा हूं?”
इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने सलाह दिया, “मेरी समझ से पढ़ाई के लिए सुबह का समय सर्वोत्तम होता है, क्योंकि मैं सुबह जल्दी उठने वाला व्यक्ति हूं। लेकिन इन दिनों मुझे देर तक काम करना पड़ता है, इसलिए मैं समझ सकता हूं कि गतिविधियों से भरे दिन के बाद एक व्यक्ति थका हुआ महसूस करता है।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं जो नहीं कर सकता हूं, उसके बारे में मुझे उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हालांकि, मेरा सुझाव है कि सुबह का समय अध्ययन के लिए सबसे अच्छा समय है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम दिन भर कामकाज करते हैं और ऐसे में यदि हम रात को पढ़ाई करते हैं तो जो दिन भर हुआ उस पर विचारों के चलते हमें ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए हमें सुबह जल्दी उठने और पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए। सुबह हमारा दिमाग उसी तरह से साफ होता है, जैसे बारिश के बाद आसमान। इसलिए हमारा दिमाग और स्मृति सुबह अच्छे से काम करती है।”
उन्होंने आगे कहा, “आपने सुबह और शाम के समय पक्षियों के कलरव सुने होंगे। यह प्रकृति का तरीका है, जो हमें शाम और सुबह के बारे में बताता है। व्यक्ति को प्रकृति को समझना चाहिए और अपनी जैविक घड़ी और आराम के अनुसार अध्ययन के लिए समय निकालना चाहिए।”