प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए पूर्व क्रिकेटर व स्पिन गेंदबाज अनिल कुंबले, पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ और पूर्व बल्लेबाज वी.वी.एस. लक्ष्मण का उदहारण दिया। ‘प्रेरणा और सकारात्मक सोच की शक्ति’ पर बात करते हुए उन्होंने क्रिकेट के खिलाड़ियों के माध्यम से विद्यर्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ एक क्रिकेट मैच में कुंबले के घायल होने के बाद भी गेंदबाजी करने और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ द्रविड़ और लक्ष्मण की 376 रनों की साझेदारी का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां तालकटोरा स्टेडियम में हुए ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में कहा, “प्रेरित होना, हतोत्साहित होना बेहद आम बात है। प्रत्येक व्यक्ति इस प्रकार के विचारों से प्रभावित होता है।”
उन्होंने कहा, “इस संबंध में चंद्रयान भेजे जाने के समय मेरी इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की यात्रा और वहां हमारे मेहनती वैज्ञानिकों के साथ बिताए समय को मैं कभी नहीं भूल सकता।”
प्रधानमंत्री मोदी राजस्थान की यथश्री नामक विद्यार्थी द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उसने प्रश्न किया था कि अगर बोर्ड परीक्षा में छात्रों का मूड खराब हो जाए तो क्या करें।
इस प्रश्न के उत्तर में प्रधानमंत्री ने कहा, “हम जीवन के हर पहलू में उत्साह जोड़ सकते हैं। एक अस्थायी झटका का मतलब यह नहीं है कि सफलता नहीं आएगी। वास्तव में, एक झटका मिलने से हमारे जीवन में कुछ अच्छा हो सकता है।”
वर्ष 2001 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान राहुल द्रविड़ और वी.वी.एस. लक्ष्मण के बीच 376 रनों की साझेदारी हुई थी। इसी का उदहारण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “क्या आपको याद है 2001 में भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज? हमारी क्रिकेट टीम अच्छा नहीं कर रही थी। सभी का मूड खराब था। लेकिन उस पल में भी द्रविड़ और लक्ष्मण ने जो किया, हम नहीं भूल सकते। उन्होंने मैच पलट कर रख दिया।”
दिग्गज गेंदबाज अनिल कुंबले का अन्य उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “इसी तरह कौन भूल सकता है कि कुंबले ने घायल होते हुए भी गेंदबाजी की। यह प्रेरणा और सकारात्मक सोच की शक्ति है।”