Thu. Dec 19th, 2024
    peripheral devices in hindi

    विषय-सूचि

    परिधीय उपकरण की परिभाषा (Peripheral Device definition in hindi)

    परिभाषा – यह एक तरह के सहायक उपकरण होते हैं जो की कम्प्युटर के साथ काम करते हैं या तो कम्प्युटर में जानकारी रखने के लिए या फिर कम्प्युटर से जानकारी भेजने के लिए।

    इसे हम इनपुट आउटपुट डिवाइस भी बोलते हैं। पेरिफेरल डिवाइस कम्प्युटर को काफी मदद करते हैं जैसे की सीपीयू, मदरबोर्ड आदि। यह कम्प्युटर के लिए आवश्यक नहीं होते पर कम्प्युटर चलाने में सहायक होते हैं। पेरिफेरल डिवाइस अकेले ही सारा काम नहीं करते बल्कि यह तभी काम करते हैं जब इन्हे किसी सिस्टम से कनैक्ट किया जाता है या फिर कम्प्युटर से इन्हे जोड़ा जाता है।

    परिधीय उपकरण के प्रकार (types of peripheral device in hindi)

    पेरिफेरल डिवाइस या तो इनपुट उपकरण में या फिर आउटपुट उपकरण में विभाजित किए जाते हैं या फिर कुछ उपकरण दोनों तरह से काम आते हैं।

    1. आंतरिक परिधीय उपकरण (internal peripheral device in hindi)

    आंतरिक पेरिफेरल डिवाइस जो की कम्प्युटर में काम आते हैं वह हैं ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव, विडियो कार्ड और हार्ड ड्राइव। डिस्क ड्राइव एक ऐसा उपकरण है जो की इनपुट और आउटपुट दोनों उपकरणों की तरह काम करता है।

    जैसे की अगर हमे कम्प्युटर में कोई जानकारी डालनी है तो भी हम इसका इस्तेमाल करते हैं और या फिर हमें किसी भी प्रकार की जानकारी या डाटा को कम्प्युटर से इसमे डालकर रखना है तो यह भी हम इसकी मदद से कर सकते हैं।

    नेटवर्क कार्ड, यूएसबी आदि सभी एक तरह से आंतरिक पेरिफेरल डिवाइस ही हैं।

    2. बाहरी पेरिफेरल डिवाइस (external peripheral devices in hindi)

    इनमे जो उपकरण आते हैं वह हैं माऊस, कीबोर्ड, पेन टेबलेट, हार्ड डिस्क, प्रिंटर, प्रॉजेक्टर, स्पीकर, वेबकैम, फ्लैश ड्राइव, मीडिया कार्ड रीडर और माइक्रोफोन। कोई भी उपकरण जिसको कम्प्युटर के बाहर से जोड़ा जाता है उसे हम बाहरी पेरिफेरल डिवाइस बोलते हैं।

    इनपुट परिधीय उपकरण (input peripheral devices in hindi)

    • कीबोर्ड (keyboard)- यह बहुत आम और बहुत लोकप्रिय इनपुट उपकरण है जो की कम्प्युटर में डाटा को रखने के काम में आता है। कीबोर्ड का आकार पुरानी जमाने में जो टाइप रायटर आता था बिलकुल उसका जैसा ही है। पर इसमे कुछ अतरिक्त बटन होते हैं जो की अलग अलग तरह के काम में इस्तेमाल होते हैं। कीबोर्ड भी दो तरह के होते है एक 84 बटन वाला होता है और एक 101/102 बटन वाला होता है। पर आज के जमाने में नई तकनीकी वाले कीबोर्ड 104 से 108 बटन में भी आने लगे हैं।
    • माऊस (mouse)– यह बहुत ही लोकप्रिय दिशा निर्देश देने वाला उपकरण है। इसे हम कर्सर कंट्रोल डिवाइस भी बोलते हैं। इसमे नीचे की तरफ एक गोलाकार बॉल होती है जो इसके चलने मे सहायक होती है। यह सीपीयू को सिग्नल देने में काम आता है क्योंकि यह कर्सर की मदद से स्क्रीन पर चीजों को दर्शाता है। सामान्य तौर पर इसमे दो बटन होते हैं एक बायीं ओर एवं एक दायीं ओर। यह केवल स्क्रीन पर कर्सर चलाने में काम आता है हम इससे टाइप नहीं कर सकते।
    • जॉयस्टिक (joystick)– यह भी एक तरह का उपकरण है जो की स्क्रीन पर कर्सर को चलाने में काम आता है। इसमे एक स्टिक होती है जिसमे एक गोलाकार बॉल लगी हुई होती है नीचे और ऊपर दोनों तरफ। नीचे की बॉल सॉकेट में ही घूमती रहती है। यह एक तरह से माऊस की तरह ही होती है। इसका इस्तेमाल हम CAD डिज़ाइन बनाने में भी करते हैं। जॉयस्टिक सारे के सारे चारों दिशाओं में घूम सकती है। हम इसका इस्तेमाल ज़्यादातर विडियो गेम खेलने में करते है।
    • लाइट पेन (light pen)– यह पेन की तरह ही होता है जो की संकेत देने में काम आता है। यह मॉनिटर पर चित्र या फिर कुछ लिखने के काम में आता है। इस छोटी सी ट्यूब में फोटो सेल और ऑप्टिकल सिस्टम होता है। जब भी इस पेन को मॉनिटर की स्क्रीन पर चलाया जाता है और इस पेन के बटन को दबाया जाता है तो यह एक सिग्नल सीपीयू को भेजता है जिससे की यह स्क्रीन पर जो भी हमने लिखा या बनाया है उसे दिखा सके।
    • स्कैनर (scanner)– यह एक तरह से फोटो कॉपी मशीन की तरह काम करता है। यह जब काम में आती है जब कोई जानकारी पन्नों पर होती है और उसको हमे कम्प्युटर के अंदर रखना होता है तो उसके लिए हम इसका इस्तेमाल करते हैं। यह सोर्स से इमेज को लेता है उसके बाद उसको डिजिटल रूप में रखता है। इस तरह की इमेज को हम प्रिंट से पहले एडिट भी कर सकते हैं ।
    • बार कोड़ रीडर (bar code reader)– इस तरह के रीडर बार कोड़ को पढ़ने के काम में आते है। यह ज़्यादातर किताबों, उपकरणो आदि के डब्बों पर पाये जाते हैं। मॉल, दुकानों पर हम जब समान खरीदने जाते हैं तब हमें बिल देने के लिए दुकानदार इसको स्कैन करके ही बिल देता है।
    • ऑप्टिकल मार्क रीडर (optical mark reader)– यह किसी भी तरह के मार्क जो की पेंसिल या पेन से किया हुआ है उसको पढ़ने के काम में आती है। इसी की मदद से कॉम्पटिशन के पेपर जाँचे जाते हैं। यह उनही शीट में काम आती हैं जिनमे ओएमआर छपी हुई होती है।

    आउटपुट परिधीय उपकरण (output peripheral devices in hindi)

    • मॉनिटर (monitor)– इसे हम विज्वल डिस्प्ले यूनिट (VDU) भी बोलते हैं। यह छोटे छोटे बिन्दुओं की मदद से इमेज को बनाता है जिसे हम पीक्सल्स बोलते हैं जो की आयताकार आकार में होते हैं। इमेज की अच्छी क्वालिटी पिक्सल पर निर्भर करती है।
    • प्रिंटर (printer)– यह छपाई के लिए काफी उपयोगी उपकरण है। इसमे भी काफी तरह के प्रिंटर आते है जैसे की इंक जेट प्रिंटर यह इंक का इस्तेमाल करता है छपाई के लिए और यह इंक को छिड़क छिड़क कर पन्नों प छपाई करता है।
    • प्लोट्टर (plotter)– यह उपकरण कम्प्युटर की मदद से पन्नों पर चित्र बनाने का काम करता है। यह प्रिंटर से काफी अलग होते हैं क्योंकि यह पेन की मदद से चित्रों और रेखाओं को बनाते हैं।
    • प्रॉजेक्टर (projector)– यह एक तरह का उपकरण है जो की कम्प्युटर से इमेज को लेता है उसके बाद उसे बड़ी स्क्रीन पर दिखाता है जिससे की बहुत सारे लोग उसे एक साथ देख पाएँ।     
    • स्पीकर (speaker)– यह एक तरह का ध्वनि उपकरण होता है जो की गाने, रिकॉर्डिंग आदि में काम आता है। यह लैपटाप, एमपी3 प्लेयर आदि में भी इस्तेमाल होते हैं। आजकल तो स्पीकर ब्लुटूथ और यूएसबी की मदद से भी चलाने के काम में आते हैं।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में पूछ सकते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *