पाकिस्तान से फरार पूर्व तानाशाह को वापस लाने के लिए पाकिस्तानी शीर्ष न्यायलय जद्दोजेहद में लगा हुआ है। पूर्व तानशाह परवेज़ मुशर्रफ पर लगे आरोपों की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पाकिस्तान में उच्च दर्ज के डॉक्टर मौजूद है।
परवेज़ मुशर्रफ साल 2016 से दुबई में निर्वासित है। उन पर पाकिस्तान में देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है। पूर्व तानाशाह ने साल 2007 में संविधान को बर्खास्त कर दिया था। पूर्व आर्मी प्रमुख साल 2016 में इलाज़ के बहाने दुबई जाकर बस गए तब से अभी तक पाकिस्तान वापस नहीं लौटे हैं। सुरक्षा और इलाज़ का हवाला देकर पूर्व तानाशाह पाकिस्तान वापस नहीं आना चाहते हैं।
अदालत में सुनवाई के दौरान परवेज़ मुशर्रफ के अधिवक्ता ने दुबई से भेजे दस्तावेजों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किये और पीठ से आग्रह किया कि उनके मुव्वकिल की तबियत की जानकारी गुप्त रखी जाए।
न्यायाधीश ने कहा कि इस बीमारी से देश में कई लोग ग्रसित हैं। उन्होंने कहा परवेज़ मुशर्रफ को कहो पाकिस्तान वापस लौट आये। कोई उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगा। अदालत इस सूची (एग्जिट कंट्रोल लिस्ट) से परवेज़ मुशर्रफ का नाम हटाने पर कुछ नहीं बता सकती। इस सूची में दर्ज नाम वाले देश नहीं छोड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा परवेज़ मुशर्रफ को देशद्रोह के मामले में अपना बयान दर्ज करवाना चाहिए और दुबई इलाज़ के लिए सबसे उपयुक्त स्थान नहीं है। पाकिस्तान में उच्च दर्जे के चिकिस्तक मौजूद हैं।
पूर्व तानाशाह के वकील ने अदालत को बताया कि परवेज़ मुशर्रफ सरकार की अनुमति के बाद ही दुबई गए है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा हम दोबारा दोहरा रहे हैं कि हमने उन्हें इज़ाज़त नहीं दी। उन्होंने कहा हम किसी की जिंदगी को खतरे में नहीं डाल सकते हैं। पूर्व राष्ट्रपति पाकिस्तान वापस आये अपना बयान दर्ज करवाए और जब चाहे इलाज़ के लिए विदेश जा सकते हैं।
परवेज़ मुशर्रफ ने देश में एनआरओ के तहत आपातकाल लगा दिया था। एनआरओ के तहत देश में राजनीतिज्ञों के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक मामले वापस लिए जा रहे थे। देशद्रोह के आरोप में उम्रकैद या फांसी की सज़ा सुनाई जाती है।
परवेज़ मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान में हुकूमत की। उन्हें बेनज़ीर भुट्टो की हत्या और लाल मस्जिद हत्याकांड में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।