पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने कश्मीर मसले को दोबारा उठाते हुए कहा कि अगर दो परमाणु संपन्न देश युद्ध करेंगे तो इससे समस्त विश्व प्रभावित होगा। भारत को धमकी देते हुए पाक नेता ने कहा कि अगर नई दिल्ली पाक अधिकृत कश्मीर में कोई भी सैन्य कार्रवाई करती है तो उनके मुल्क की सेना किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि “मैं नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूँ कि हमारी सेना कश्मीर पर उनकी किसी भी कार्रवाई के खिलाफ कार्य करने को तैयार है। दुनिया को जानना चाहिए कि जब दो परमाणु संपन्न देशो का आमना सामना होता है तो इससे समस्त विश्व का नुकसान होता है।”
पीएम खान ने यह बयान कश्मीर ऑवर की रैली को संबोधित करते हुए दिया है जो सचिवालय के बाहर आयोजित की गयी थी। जोर देते हुए कहा कि जब मुस्लिमो पर अत्याचार होता है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय चुप्पी साध लेता है। उन्होंने कहा कि “कश्मीर में क्या हो रहा है यह पूरे विश्व को पता है। मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि अगर कश्मीरी मुस्लिम न होते तो समस्त विश्व उनके साथ खड़ा होता।”
पीटीआई के नेता ने कहा कि “कश्मीरियों के साथ पूरा पाकिस्तान खड़ा है। हमारे कश्मीरी बुरे वक्त से गुजर रहे है। बीते चार हफ्तों से 80 लाख कश्मीरी कर्फ्यू में बंद है।” उन्होंने कहा कि आज की रैली का उद्देश्य पाकिस्तान की तरफ से यह संदेश देना है कि जब तक कश्मीरियों को उनकी आजादी नहीं मिल जाती, हम उनके साथ खड़े रहेंगे। हम अंतिम सांस तक उनके साथ खड़े रहेंगे।”
खान ने आरोप लगाया कि भारत की नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीर में लोगों पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने कहा कि “हमें आरएसएस की विचारधारा को समझने की जरूरत है। यह एक ऐसी पार्टी है जो मुसलमानों से नफरत करती है। यह पार्टी हिटलर की नाजी पार्टी से प्रेरित थी।”
खान ने दावा किया कि “आरएसएस की विचारधारा ने एक धर्मनिरपेक्ष भारत को समाप्त कर दिया है और सत्तारूढ़ भाजपा धर्मनिरपेक्षता, अंतर्राष्ट्रीय कानूनों या संविधान में विश्वास नहीं करती है। वे केवल हिंदुत्व में विश्वास करते हैं।” पाकिस्तानी नेता ने दोहराया कि उनकी सरकार कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाएगी।
उन्होंने चेतावनी दी कि “अगर विश्व के नेता कश्मीरियों के साथ नहीं खड़े होते हैं, तो प्रभाव वैश्विक रूप से उसी तरह होगा, जब दुनिया हिटलर के खिलाफ नहीं खड़ी हुई थी। खान ने सभी पाकिस्तानियों को भी धन्यवाद दिया और कश्मीरियों को आश्वासन दिया कि उन्हें राष्ट्र का समर्थन जारी रहेगा।