अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच हनोई में बातचीत का सिलसिला जारी है। इस बैठक में उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियारों को खत्म करने का निर्णय लिया है। वियतनाम की राजधानी हनोई में दूसरे शिखर सम्मलेन के लिए दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ बीते वर्ष सिंगापुर में हुई बैठक की वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए इस बैठक में शरीक हुए थे। दोनो नेताओं के बीच पहली ऐतिहासिक मुलाकात सिंगापुर में हुई थी। इस दौरान दोनो नेताओ ने पूर्ण परमाणु निरस्त्रिकरण की प्रतिबद्धता दिखाई थी।
जानकारो के अनुसार हनोई में आयोजित दूसरी बैठक में ठोस कदम उठाए जाना जरूरी है। हालाँकि ऐसा लगता है कि डोनाल्ड ट्रम्प कोई बड़ी उम्मीद नहीं जाताना चाहते हैं इसलिए उन्होंने गुरूवार पत्रकारों से कहा कि ‘उन्हें कोई जल्दबाज़ी नहीं है।’
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि नतीजे कुछ देर में मिलेंगे। होटल में बातचीत से पूर्व ट्रंप ने कहा कि हम देंखेगे कि क्या होगा। कोई जल्दबाजी नहीं है। हम सही समझौता करनी चाहते हैं। दोनो नेता स्थानिय समय के मुताबिक दो बजे एक घोषणा पत्र पर दस्तखत करेंगे।
डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्ववीट कर कहा कि “परमाणु निरस्त्रीकरण का जो अवसर उत्तर कोरिया को मिल रहा है, वो इतिहास में किसी को नहीं मिला होगा।” डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “मुझे उत्तर कोरिया के साथ क्या करना चाहिए इस बाबत डेमोक्रेट्स को इसके बारे में बात करना बंद करना चाहिए। उन्हें खुद से पूछना चाहिए कि उन्होंने आठ सालों के ओबामा के कार्यकाल में ऐसा क्यों किया था।”
डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के मध्य ऐतिहासिक मुलाकात बीते वर्ष जून में सिंगापुर में हुई थी, जहां उत्तर ककोरा के शासक ने परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए प्रतिबद्धता दिखाई थी। हाल ही में आलोचकों ने कहा कि किम जोंग उन परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं। कारणवश, डोनाल्ड ट्रम्प को दबाव में आकर दूसरे शिखर सम्मेलन के लिए राज़ी होना पड़ा था।