अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने मंगलवार को कहा कि “अगर उत्तर कोरिया परमाणु निरस्त्रीकरण कार्यक्रम को नहीं करता है तो अमेरिका उन पर प्रतिबंधों को बढ़ा सकता है।” उन्होंने कहा कि “हनोई में किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हुई बैठक के बाद, वांशिगटन देखना चाहता है कि पियोंगयांग अपने परमाणु निरस्त्रीकरण और उससे जुड़ी गतिविधियों की प्रतिबद्धता को निभाता है या नहीं।
और प्रतिबन्ध थोपेंगे
जॉन बोल्टन ने फॉक्स न्यूज़ को कहा कि “अगर वह यह करने के इच्छुक नहीं है, तब इस मामले में मेरे ख्याल से राष्ट्रपति बिलकुल स्पष्ट है। उन पर लगाए आर्थिक प्रतिबंधों से उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं मिलने वाली है। बल्कि हम उन पर अधिक प्रतिबन्ध थोपेंगे।”
सुरक्षा सलाहकार की नीति पूर्व में उत्तर कोरिया के खिलाफ काफी आक्रमक रही है। हनोई में दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात का परिणाम कुछ ख़ास नहीं रहा और बिना समझौते के बैठक को रद्द कर दिया गया था। दक्षिण कोरिया के ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया की तोंगचांग री मिसाइल साइट पर कार्य किया जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रम्प का संयुक्त बयान
डोनाल्ड ट्रम्प ने बिना किसी संयुक्त बयान के शिखर सम्मलेन के बाद कहा कि “यह प्रतिबंधों के लिए हुआ, वो चाहते थे सभी प्रतिबंधों को पूर्ण रूप से हटाया जाए लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते थे।” तीसरे शिखर सम्मलेन के आयोजन पर सहमति के बाबत अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछने पर उन्होंने बताया कि “नहीं, अभी कोई बातचीत नहीं हुई है। लेकिन हम इस पर विचार करेंगे।”
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के दूसरे शिखर सम्मेलन का अंत बिनी किसी समझौते के होने पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने अफसोस व्यक्त किया है। ब्ल्यू हाऊस के प्रवक्ता ने कहा कि यह बेहद अफसोसजनक है कि इस शिखर सम्मेलन में दोनो नेता किसी समझौते पर नहीं पंहुच पायें हैं।