भारत ने आज परमाणु क्षमता से लैस ‘अग्नि-5’ इस मिसाइल का सफलतापूर्वक परिक्षण किया। आपको बतादे, ‘अग्नि-5’ अग्नि परिवार की मिसाइलों में नवीनतम संस्करण हैं, जिसे पूरी तरह से भारत में निर्माण किया गया हैं और ‘अग्नि-5’ मिसाइल की 5000 किलोमीटर की दुरी तक अचूकता से हमला कर सकती हैं।
ओडिशा के डॉ अब्दुल कलाम आइलैंड से जमीन से जमीन पर(सरफेस टू सरफेस) हमला करने उपयोग की जानेवाली ‘अग्नि-5’ को आज सुबह 9 बजकर 48 मिनटों पर प्रक्षेपित किया गया। यह अग्नि-5 मिसाइल का छटा सफल परिक्षण हैं।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान(डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन) द्वारा जारी बयान के अनुसार,(अग्नि-5 का)परिक्षण सफल रहा और मिसाइल ने अपने निर्धारित लक्ष्य को अचूकता के साथ प्राप्त किया। मिसाइल पर अत्याधुनिक राडार सिस्टम और ट्रैकिंग इंस्ट्रूमेंट्स द्वारा नजर रखी गयी थी, जिससे मिसाइल सफलतापूर्वक लक्ष्य को प्राप्त कर सकें।
डीआरडीओ के प्रवक्ता के अनुसार, “अग्नि सीरीज की अन्य मिसाइलों से हटकर इस अग्नि-5 में अत्याधुनिक और नवीनतम तकनीकों का प्रयोग किया गया हैं। नेविगेशन, वारहेड और इंजन के विषय में कई नयी चीजें इस बार जोड़ी गयी हैं। वैरी हाई एक्यूरेसी लेज़र जाय्रो बेस्ड नेविगेशन सिस्टम(RINS) और माइक्रो नेविगेशन सिस्टम(MNS) का इस मिसाइल के प्रक्षेपण में इस्तेमाल किया गया हैं, जिससे मिसाइल अचूकता से लक्ष को प्राप्त करें।”
“अग्नि-5 मिसाइल में एक हाई स्पीड कंप्यूटर और तकनिकी खराबी को भांपने के लिए फाल्ट टोलेरंट सिस्टम भी जोड़ा गया है। इस कंप्यूटर की मदत से मिसाइल किसी भी प्रकार के अवरोध के बीना अपने लक्ष्य पर हमला कर सकती हैं।”
अग्नि-5, एक 17 मीटर ऊँची और 2 मीटर चौड़ी हैं, यह मिसाईल 1।5 टन तक वजन वाले नुक्लेअर वारहेड ले जाने के सक्षम हैं। विश्वसनीयता, रखरखाव और आसानी से हमला करने की क्षमता जैसे सभी पैमानों पर यह मिसाइल खरी उतरी हैं। अग्नि सीरीज की अन्य पांच मिसाइल्स उपयोग में हैं। अग्नि-1 की मारक क्षमता 700 किलोमीटर तक और अग्नि-2 की मारक क्षमता 2000 किलोमीटर तक हैं। अग्नि-3 और अग्नि-4 की मार्क क्षमता 2,500 किलोमीटर और 3,500 किलोमीटर तक हैं। यह सभी मिसाइल्स परमाणु शक्ति से लैस अंतर महाद्वीपीय मिसाइल्स हैं।