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    हसन रूहानीIranian President Hassan Rouhani speaks with media in a joint press conference with his Austrian counterpart Heinz Fischer after their meeting at the Saadabad Palace in Tehran, Iran, Tuesday, Sept. 8, 2015. Iran's president said on Tuesday that his country is ready to hold talks with the United States and Saudi Arabia on ways to resolve Syria's civil war, providing such negotiations can secure peace and democracy in conflict-torn Syria. (AP Photo/Ebrahim Noroozi)

    ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बुधवार को ऐलान किया कि उनका देश साल 2015 की परमाणु संधि की प्रतिबद्धताओं को कम करेगा और परमाणु शोध व विकास पर प्रतिबन्ध को नहीं मानते और यूरेनियम का संवर्धन तेज़ी से करेंगे। टीवी में रूहानी ने कहा कि “यह सभी कदम शुक्रवार से प्रभाव में आयेंगे।”

    ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि देश की परमाणु ऊर्जा संघठन तकनीकी जरूरतों पर तत्काल शोध और विकास को शुरू करेगा। हम विभिन्न तरीके की जरूरतों को शोध और विकास के गवाह होंगे और यूरेनियम का संवर्धन तेज़ी से करने के लिए हर जरुरत पूरी करेंगे।”

    इन गतिविधियों की देखरेख संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) करेगी।रूहानी ने यूरोपीय देशों को इस सौदे को बचाने के लिए 60 दिनों की एक नई समय सीमा दी है। ईरान ने सौदे के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को कम करने की बात कही है, जब तक कि यूरोपीय देश तेहरान को अमेरिकी प्रतिबंधों से राहत देने का अपना वादा पूरा नहीं करते है।

    इस संधि पर पांच ईरान और पांच देशो ने दस्तखत किये थे, इसमें रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी शामिल है। इसका मकसद ईरान को भविष्य में परमाणु हथियारों को विकसित करने से रोकना है। ट्रम्प प्रशासन ने ईरान की स्पेस विभागों पर नए प्रतिबंधो को थोप दिया था। यह कदम दोनों देशो के बीच आक्रमकता को ज्यादा बढ़ा देंगे। नए प्रतिबन्ध ईरान की स्पेस एजेंसी और उनके दो अनुसंधान संस्थानों को निशाना बनायेगे।

    वांशिगटन और तेहरान के बीच बीते वर्ष के से सम्बन्ध खराब हो गए थे जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने परमाणु संधि से सम्बन्ध को तोड़ दिया था। इसके बाद ईरान पर बैंकिंग और वित्त पर प्रतिबन्ध थोप दिए थे जिससे ईरान की अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रहे हैं।

    राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि “हम अमेरिका के साथ कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं चाहते हैं। अगर अमेरिका सभी प्रतिबंधो को हटा देता है तो उनसे वार्ता संभव है। हमें इस बाबत कई प्रस्ताव दिए गए हैं और हमारा जवाब हमेशा नकारात्मक रहा है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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