रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि आर्कटिक के नजदीक समुंद्री सतह पर सर्वेक्षण कर रही उनकी अनुशंधान पनडुब्बी में भयानक आग लग गयी और इसमें 14 नौचालकों की मौत हो गयी है। रूस की मीडिया समूह ने एक सैन्य सूत्र के हवाले से बताया कि पनडुब्बी परमाणु लैस थी ,हालाँकि रुसी अधिकारीयों ने जहाज के कौन से प्रकार को टिप्पणी नहीं की है।
यह वारदात बारेंट्स समुन्द्र के नजदीक हुई थी। विभागों के मुताबिक, वह इसकी निगरानी कर रहे थे लेकिंन इसमें असामान्य उच्च स्तर के रेडिएशन को नहीं देखा गया है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि “”यह नौसेना के लियए बेहद भरी नुकसान है।”
उन्होंने कहा कि “हम मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। हम उन्हें सहयोग करने के लिए सब कुछ करेंगे।” पुतिन ने शोइगु को सेवेरोमोर्स्क उड़ान भरने का आदेश दिया था जहां यह वारदात हुई थी और वापस उन्हें इसकी खबर करने को कहा था।
यह वारदात सोमवार को रुसी क्षेत्रीय जल में हुई थी और आग को बुझा दिया गया था। इंटरफैक्स न्यूज़ ने एजेंसी के माध्यम से बताया कि “वैश्विक अनुसंधान जहाज के बोर्ड पर आग लग गयी थी जो रुसी नौसेना के बदले वैश्विक समुन्द्र के वातावरण पर अध्य्यन कर रहे थे। धुंए के भर जाने से 14 नौचालकों की मौत हो गयी थी।
रक्षा मंत्रालय ने जहाज के प्रकार की पहचान को सार्वजानिक नहीं किया है। इस जहाज को एएस-12 के नाम से जाना जाता है जो परमाणु रिएक्टर से लबरेज थी और इसे गहराई से विशेष अभियानों को अंजाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
नॉर्वे के अधिकारीयों ने कहा कि वह अपने रुसी समकक्षीयों के साथ संपर्क में हैं लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि यह किसी प्रकार का जहाज था। नॉर्वे के रेडिएशन और परमाणु सुरक्षा विभाग के निदेशक पैर स्ट्रैंड में कहा कि “हमने जांच की थी और हमने इस क्षेत्र में उच्च स्तर की रेडिएशन को मॉनिटर नहीं किया था।”
उन्होंने कहा कि “रुसी अधिकारीयों ने कहा कि पनडुब्बी की बोर्ड पर एक गैस विस्फोट हुआ था।” मंगलवार को रूस ने ऐसी सोच देने की खबर को ख़ारिज कर दिया था। मंत्रालय ने बताया कि नॉर्वे के पक्ष को गैस विस्फोट की कोई जानकारी नहीं दी गयी है।
रक्षा मंत्री के साथ बैठक में पुतिन ने कहा की “14 नौसैनिकों की मौत हुई है। सात कैप्टेन रैंक, फर्स्ट क्लास और दो के पास रूस के हीरो होने का सम्मान था। यह उच्च स्तर का सैन्य अवार्ड है। यह कोई सामान्य जहाज नहीं है, हम जानते है कि यह एक वैज्ञानिक अनुसंधान जहाज है। यह अत्यधिक पेशेवर क्रू था।”
साल 2000 में पुतिन के सत्ता सँभालने के बाद कुर्स्क पनडुब्बी डूब गयी थी और इसने सेना स्थिति और हार्डवेयर के तरफ ध्यान आकर्षित किया था। इसके बाद पुतिन ने सैन्य खर्च में इजाफा किया था और इसमें सेना को उपकरणों का पुनर्निर्माण और प्रशिक्षण में सुधार की अनुमति दी गयी थी।
दिसंबर 2016 में रूस के सैन्य विमान में 92 लोगो सवार थे और सीरिया जा रहे मार्ग पर काले सागर में यह जहाज क्रैश हो गया था। इसमें सवार सभी लोगो की मौत हो गयी थी।
अमेरिका की मीडिया ने पेंटागन के अधिकारीयों के हवाले से कहा कि “रस ली पनडुब्बियों और जासूसी जहाजों की अमेरिका के तटीय क्षेत्र के नजदीक संचालन की गतिविधयों में वृद्धि से वे चिंतित है।”