शुक्रवार को घोषित किए गए 66 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में कई फिल्मों को मान्यता और पुरस्कार मिला। उनमें से एक संजय लीला भंसाली की मास्टरपीस ‘पद्मावत‘ थी। शाहिद कपूर, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह स्टारर फिल्म ने तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते जिसमे से दो संगीत के लिए थे। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी (कृति महेश माद्या और ज्योति तोमर- ‘घूमर’), सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का पुरस्कार (संजय लीला भंसाली) और सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक (अरिजीत सिंह- ‘बिन्ते दिल’) जैसे बड़े सम्मान अपने नाम किये।
पीरियड ड्रामा की शूटिंग के दौरान हुए विरोध और समस्याओं को याद करते हुए, भंसाली ने कहा, “मैंने बहुत अव्यवस्था और परेशानी से गुजरते हुए ‘पद्मावत’ बनाई। यह अब तक की मेरे द्वारा बनाई गयी सबसे कठिन फिल्म है। इसमें शारीरिक उत्पीड़न था, मोर्चा, धरना, फिल्म पर प्रतिबंध था और हर संभव बात जो गलत हो सकती थी। लेकिन हर बार जब मुझे उदासी महसूस हुई, तो मैंने एक गीत बनाया और यह मेरे लिए एक अच्छा आउटलेट था। यह (संगीत) सभी कठिनाइयों को देखने का एक सकारात्मक तरीका था।”
उन्होंने आगे कहा-“किसी भी रचनात्मक क्षेत्र में, एक कलाकार यहां और वहां कुछ कठिनाइयों से गुजरता है। मेरे मामले में, यह आवश्यक से अधिक था लेकिन आप फिर भी आप इसे सकारात्मक रूप से देखते हैं … हम रिकॉर्डिंग स्टूडियो में गए और विरोध से आने वाली सभी आवाज़ों को बंद कर दिया और संगीत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। यह दिल से आया है और यह लोगों के साथ गूँज गया।”
संजय ने यह भी कहा कि, “कैसी भी मान्यता और विशेष रूप से सरकार से आने वाली बहुत मायने रखती है। इसे बहुत योग्य और सम्मानित लोगों की जूरी द्वारा चुना जाता है। यह आपको और अधिक परिश्रम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह पीठ पर थपथपाना है और एक भावनात्मक क्षण है।”