पद्मावत की रिलीज़ के विरोध के बीच में करणी सेना ने यह दावा किया है कि फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने एक विशेष स्क्रीनिंग के लिये उन्हें आमंत्रित किया है लेकिन उन्होंने इस निमंत्रण को अस्वीकार कर वहां जाने से मना कर दिया है और अभी भी फिल्म पर प्रतिबन्ध के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस संगठन ने निमंत्रण को एक आक्रोश बताया और कहा कि फिल्म के निर्माता इस मामले को लेकर गंभीर नही हैं। श्री राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवारा द्वारा भंसाली को एक पत्र भेजा गया है जिसमे संगठन ने ज़िक्र किया था कि सीबीएफसी ने नौ इतिहासकार नियुक्त किये हैं ताकि वह फिल्म देखकर उसमे परिवर्तनों का सुझाव दे सकें। हालांकि, संगठन के अनुसार नौ में से केवल तीन इतिहासकारों को ही फिल्म दिखाई गयी थी। उनकी नयी मांगों के अनुसार वह चाहते हैं कि बाकि बचे हुए 6 इतिहासकारों को भी यह फिल्म दिखाई जाये और आवश्यक संशोधन किये जाएँ।
इससे पहले करणी सेना प्रमुख लोकेन्द्र सिंह कालवी ने लोगो से आग्रह किया था कि वह मंगलवार 16 जनवरी को होनी वाली पद्मावत की स्क्रीनिंग को रोकने के लिए सिनेमाघरों के बाहर निषेधाज्ञा(कर्फ्यू) लगायें। इसके अलावा उन्होंने सभी सामजिक संगठनों से भी ये विनती भी की थी कि सभी साथ मिलकर इस फिल्म की रिलीज़ पर प्रतिबंध के लिए आन्दोलन करें। ज्ञात हो कि 18 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने चार राज्यों में लगे पद्मावत पर प्रतिबन्ध पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। इन चार राज्यों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा शामिल थे।
अपने अंतरिम आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने यह कहा था कि सभी राज्यों का यह कर्त्तव्य बनता है कि वह अपने-अपने राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखें और वह इस कार्य के लिए संवैधानिक रूप से बाध्य हैं। न्यायालय ने यह भी कहा कि फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान होने वाली किसी भी प्रकार की कोई घटना रोकने का कार्य राज्य का ही होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम रखना पूर्णतः राज्य की ही ज़िम्मेदारी होगी।
बता दें कि पद्मावत एक पीरियड फिल्म है जो 13वीं शताब्दी की राजपूत रानी, रानी पद्मावती की ज़िन्दगी पर आधारित है। 1540 में सूफी कवी मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा लिखी गयी कविता पद्मावत में उनका बहुत बार उल्ल्लेख किया गया है। जब से इस फिल्म के बनने की घोषणा हुई है तभी से इसके खिलाफ लोगों का आक्रोश देखने को मिला है। अनेक राजपूत गुटों के सदस्यों ने भंसाली पर ये आरोप लगाये हैं कि वह अपनी फिल्म में गलत कहानी दिखाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। यहाँ तक कि फिल्म बनने के दौरान करणी सेना ने भंसाली पर हमला भी कर दिया था।
फिल्म में दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म को सीबीएफसी द्वारा पाँच संशोधनों के बाद हरी झंडी दिखाई गयी थी इनमे से एक महत्त्वपूर्ण संशोधन फिल्म का नाम ‘पद्मावती’ से बदलकर ‘पद्मावत’ कर देना था।