संजय लीला भंसाली की आगामी फिल्म पद्मावती पर कड़ा विरोध जारी है। गुजरात और राजस्थान में भारी विरोध के बाद अब फिल्म के खिलाफ लोग बैंगलोर में प्रदर्शन कर रहे हैं।
जाहिर है पद्मावती फिल्म में रानी पद्मावती के किरदार को लेकर राजपुत समाज के लोग गुस्से में हैं। फिल्म के ट्रेलर और जारी किये गए दो गानों में रानी के किरदार को नाच-गाते हुए दिखाया है। इसपर राजपूत समाज का कहना है कि उस समय रानियां सार्वजानिक रूप से प्रदर्शन नहीं करती थी।
इसके अलावा फिल्म में पद्मावती और अलाउदीन खिलजी के बीच विवादित दृश्य होने की भी बात कही गयी है। इसपर राजपूत समाज का कहना है कि असल जिंदगी में रानी पद्मिनी कभी भी खिलजी से नहीं मिली थी।
राजपूत समाज और करणी सेना के वरिष्ठ सदस्यों ने पहले ही फिल्म निर्माताओं को चेतावनी दे दी है कि यदि फिल्म में कोई भी आपत्तिजनक दृश्य हुआ तो अच्छा नहीं होगा।
इसपर भंसाली की टीम ने कहा है कि फिल्म के रिलीज़ होने से पहले राजपूत समाज के कुछ लोगों को फिल्म दिखाई जायेगी। इससे राजपूत समाज के लोग कुछ हद तक संतुष्ट दिखाई दिए हैं, लेकिन फिल्म के खिलाफ विरोध अभी भी जारी है।
पद्मावती के विरोध में अब राजनेता भी शामिल हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई बीजेपी के नेताओं ने फिल्म के विरोध में भाषण दिए हैं।
फिल्म के बचाव में भंसाली भी अपनी ओर से लगातार प्रयास कर रहे हैं। पहले खबर आयी थी कि भंसाली ने फिल्म के लिए करीबन 160 करोड़ रूपए का बीमा करा लिया है।
इसके बाद भंसाली ने फिल्म के खिलाफ विरोध बढ़ता देख इसपर सफाई दी। भंसाली ने कहा कि फिल्म में राजपूत मर्यादाओं का ख़याल रखा गया है।