तुर्की के इस्तान्बुल में पत्रकार जमाल खासोगी की हत्या के कारण सऊदी अरब अंतर्राष्ट्रीय जगत की आलोचनाएं झेल रहा है। तुर्की के राष्ट्रपति ने हाल ही में बयान दिया की पत्रकार की हत्या से सम्बंधित एक ऑडियो रिकॉर्डिंग उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा के विभागों को सौंप दी थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने पत्रकार की हत्या की रिकॉर्डिंग सुनने से इनकार दिया है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि इसका कोई कारण नहीं है की वह पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की रिकॉर्डिंग सुने। अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान साबित करता है की वह अभी भी रियाद को पत्रकार की हत्या का दोषी नहीं मानते हैं और सऊदी को अपना मज़बूत साझेदार बनाये रखने के पक्षधर है।
तुर्की द्वारा जारी वीडियो में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान के शामिल होने भी सबूत थे। जमाल खशोगी 2 अक्टूबर को इस्तांबुल स्थित दूतावास से गायब हो गए थे। पत्रकार प्रिंस सलमान और राजघराने के मुखर आलोचक थे। डोनाल्ड ट्रम्प ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा की वह एक भयावह ऑडियो रिकॉर्डिंग है, उस टेप के बाबत मुझे सारी जानकारी दी गयी है इसी कारण अब कोई तुक नहीं बनता की मैं उस टेप को सुनु।
डोनाल्ड ट्रम्प निरंतर प्रिंस सलमान के पत्रकार की हत्या में शामिल होने के सबूतों को नकार रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका के ख़ुफ़िया विभाग के निदेशक से मुलाकात की थी और सऊदी प्रिंस के इस हत्या में शामिल होने के सबूतों से सम्बंधित बातचीत की थी। हाल ही में मीडिया जगत की ख़बरों के मुताबिक पत्रकार की हत्या सऊदी अरब के प्रिंस सलमान के इशारों पर हुई थी।
भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति राजकुमार सलमान को बचाने का भरसक प्रयास करे लेकिन अमेरिकी कांग्रेस ने इस हत्या की आलोचना की है। प्रशासन ने इस हत्याकांड में शामिल 17 संदिग्धों पर अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगाये थे। तुर्की के मुताबिक सऊदी अरब के दूतावास में पत्रकार की हत्या के लिए रियाद से 15 लोगों का समूह आया था। पत्रकार को दूतावास में मारकर उसके शव के टुकड़े कर दिए थे।