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    उमर अब्दुल्ला

    जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ओमार अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर में पत्थरबाजी से एक जवान की मौत से सभी नागरिकों को खलनायक बना दिया है। हाल ही में कश्मीर के अनंतांग जिले में क्विक रिएक्शन टीम के एक सैनिक की हत्या पत्थाबाजों ने की थी।

    ओमार अब्दुल्लाह ने कहा कि राज्य में सभी नागरिक पत्थरबाज़ नहीं है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ओमार अब्दुल्लाह मुंबई में आयोजित युवा सम्मलेन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ड्यूटी के दौरान पत्थरबाजों का एक सैनिक को मार डालना यह एहसास दिलाता है कि पत्थरबाज नैतिकता की साड़ी सीमायें लांघ गए हैं।

    पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब प्रदेश में कोई ऐसी घटना होती है तो राज्य के सभी नागरिक खलनायक दिखते हैं जबकि सभी पत्थरबाज़ नहीं होते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कश्मीर में वाक एंड टॉक की नीति पर ओमर अब्दुल्लाह ने कहा कि कश्मीर का विवाद का हल अगले 30 वर्षों तक नहीं निकलेगा जब तक केंद्र सरकार वहां स्वराज्य की स्थापना के लिए तत्पर नहीं होगी।

    पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कश्मीर की अस्थिरता का फायदा उठा रहा है और घाटी ने साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को ओंधे मुंह गिराया था।

    भारत और पाकिस्तान के विभाजन के वक्त कश्मीर एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर रहना चाहता था। जम्मू कश्मीर के राजा हरी सिंह न भारत में राज्य को मिलाना चाहते थे और न ही पाकिस्तान में कश्मीर को मिलाने की इच्छा थी। विभाजन के बाद पाकिस्तान के सैनिकों ने कबिलियाओं की पोशाक पहनकर जम्मू कश्मीर पर हमला कर दिया था। इस हमले से बचने के लिए आनन-फानन में महाराजा हरी सिंह ने भारत में शामिल होने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए थे।

    भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को खदेड़ तो दिया लेकिन कश्मीर के कुछ भाग पर पाकिस्तानी सैनिकों ने कब्ज़ा कर लिया था जिसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके कहते हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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