Thu. Dec 19th, 2024
    बाबा रामदेव की पतंजलि

    जहां 2018 में दुसरे उत्पादकों की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गयी वहीँ पतंजलि आयुर्वेद की बिक्री में गिरावट दर्ज की गयी। ऐसा पीछे पांच सालों में पहली बार हुआ है की पतंजलि की बिक्री में गिरावट हुई हो।

    पतंजलि के लिए नही यह चिंता का विषय

    इस पर आचार्य बालकृष्ण ने बयान दिया की यह उनके लिए कोई बड़ी चिंता का विषय नहीं है। चूंकि कंपनी पिछले वित्त वर्ष में बिक्री, भविष्य के निवेश और वितरण नेटवर्क में सुधार के लिए एक प्रमुख योजना में शामिल थी, राजस्व वृद्धि में मामूली गिरावट तो होनी ही थी।

    उन्होंने यह भी कहा है की मांग में हमें कोई मंदी देखने को नहीं मिली है इसलिए चिंता करने की कोई वजह नहीं है। इस समय में हमने अपना ध्यान वितरण नेटवर्क को बढाने में लगाया है जिसका परिणाम हमें जल्द ही देखने को मिलेगा।हमें पूरा विशवास है की अगले साल इन हालातों में सुधार देखने को मिलेगा।

    GST एवं नोटबंदी का दिया हवाला

    इसके अलावा उन्होंने नोटबंदी एवम GST का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा की इस वर्ष GST एवं नोटबंदी ने भी FMCG सेक्टर की वृद्धि पर असर डाला है। लेकिन इसके बावजूद हिंदुस्तान युनिलेवर ने 12 प्रतिशत आय वृद्धि की वहीँ आइटीसी एवं नेस्ले ने क्रमशः 11.30 प्रतिशत एवं 10.50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

    पतंजलि आयुर्वेद की आय की रिपोर्ट

    केयर रेटिंग्स द्वारा पेश की गयी एक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2018 में कम्पनी का स्वयं के ग्राहकों का राजस्व 10 प्रतिशत गिरकर 8148 करोड़ रूपए हो गया था। इतनी बड़ी गिरावट 2013 के बाद पहली बार दर्ज की गयी थी। GST के आने के बाद इस कंपनी को उसी के हिसाब से ढलने में एवं उस कर के हिसाब से अपनी आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने में कुछ वक्त लग गया। इन्ही कारणों के चलते इसे अपनी आय का पतन झेलना पड़ा। लेकिन अब आशा है की आने वाले समय में इस कंपनी का अच्छा प्रदर्शन हो।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *