पठार उबड़-खाबड प्रकार का भूभाग होता है। पठार हर महाद्वीप में मौजूद है एवं पृथ्वी के भूभाग का एक तिहाई हिस्सा है। भारत में डेक्कन का पठार सबसे पुराना पठार है। पठार को काटते हुए जब नदियों की तेज धार निकलती है तो घाटियों का निर्माण होता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में कास्केड एवं Rocky पहाड़ों के बीच जो कोलंबिया पठार है वह कोलम्बिया नदी के तेज बहाव से बनी है। कुछ पठार इतने ज्यादा घिस चुके होते हैं कि इनमे छोटे छोटे गड्ढे बन गए हैं। कुछ पठारों में बहुत पुराने एवं अधिक घनत्व वाले पत्थर पाए जाते हैं।
पठार के सतहों में लोहा एवं कोयला के अयस्क (ore) काफी मात्रा में मिलते हैं। पठार भूभाग काफी उपयोगी हैं क्योंकि यहाँ खनिजों के खदान काफी सारे मौजूद हैं।
आर्थिक रूप से पठारों का महत्त्व (Economic Benefits of Plateaus)
- फ़्रांस के पठार मैसिफ सेंट्रल, डेक्कन का पठार, कॉन्गो का कटांगा पठार (ताम्बे का अयस्क), ऑस्ट्रेलिया का किम्बर्ली पठार (हीरों के खदान), ब्रज़ील के पठार आदि खनिजों के काफी अच्छे स्रोत हैं। पूर्वी अफ्रीका का पत्थर हीरों के खदानों के लिए जाना जाता है। भारत में छोटा नागपुर के पठार में मैंगनीज, लोहा एवं कोयला के खदान मिलते हैं।
- पठार वाले इलाकों में बहुत सारे झरने मिलते हैं जो बहुत ऊंचाई से गिरते हैं, यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र रहते हैं। भारत में छोटा नागपुर पठार में स्वर्णलेखा नदी पर हुंडरू जल प्रपात है एवं कर्नाटक का जोग जल प्रपात काफी मशहूर है। ऐसे जगहों पर हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर का उत्पादन होता है।
- पठार वाले इलाकों में ज्यादा कृषि नहीं देखी जाती। लेकिन जहां लावा सुख कर मिट्टी बन गए हैं, वहां खेती होती है। डेक्कन पठार के महाराष्ट्र वाले भाग में उपजाऊ काली मिट्टी मिलती है, जहाँ कपास उगाये जाते हैं। चीन के लुस पठार काफी उपजाऊ पठारों में से एक है।
पठार के प्रकार (Types of Plateaus in Hindi)
- विच्छेदित पठार (Dissected Plateau):- पृथ्वी के क्रस्ट भाग में ऊपर की तरफ गति होने से (upward movement) होने से विच्छेदित पठार का निर्माण हुआ। टेक्टोनिक प्लाटों के धीमे टकराव के वजह से ऊपर की तरफ गति होती है। कोलराडो पठार (USA) एवं तिब्बत के पठार इनके उदाहरण हैं।
- ज्वालामुखी के द्वारा उत्पन्न (Volcanic Plateau):- कई सालों तक जब ज्वालामुखियों में थोड़ा बहुत मात्रा में विस्फोट होता रहता है, तब उसका लावा कई सालों बाद सुखकर पठार का निर्माण कर देता है। कोलंबिया के पठार एवं डेक्कन के पठार इसके उदाहरण हैं।
विश्व के कुछ प्रमुख पठार (Some Major Plateaus)
- तिब्बत के पठार:- यह विश्व के सबसे ऊँचे एवं बड़े पठार हैं। इनको ‘roof of the world’ माना जाता है। इनका निर्माण इंडो-ऑस्ट्रेलियन एवं युरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से हुआ। यह भारत में मानसूनी हवा को दिशा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- कोलंबिया-स्नेक पठार:- इस पठार में कोलंबिया नदी एवं इसकी सहायक नदी स्नेक आकर मिलती है। यह पहाड़ों से घिरा हुआ है एवं कोलम्बिया नदी द्वारा विभाजित है।
- किम्बर्ले पठार:- यह ऑस्ट्रेलिया में स्थित है एवं इसका निर्माण ज्वालामुखी विस्फोट के कारण हुआ। यहाँ के खादानों में कई धातु जैसे सोना, हीरा, लोहा, जिंक, चांदी, lead आदि मिलती है।
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