लन्दन में आयोजित नीलामी सम्मलेन में पंजाब के महाराज रंजित सिंह की पत्नी महारानी जिन्दान कौर का नेकलेस 187000 पौंड्स में नीलाम हुआ है। महाराजा रंजित सिंह की मृत्यु के बाद उनकी एकमात्र जीवित पत्नी जिन्दान कौर थी। जिन्होंने सती धर्म का पालन नहीं किया था। अपने आखिरी क्षणों में महारानी ने यह हार पहना था।
लन्दन में मंगलवार को ‘इस्लामिक और इंडियन आर्ट सेल’ का आयोजन किया गया था। नीलामी कंपनी ने बताया कि राजशाही काल की वस्तुओं से 1818500 पौंड की आय हुई है।
इस नीलामी के प्रमुख ने बताया की नीलामी सफल रही खासकर महारानी जिंदान कौर के नेकलेस ने इस रौनक में चार चाँद लगा दिए है। यह नेकलेस पंजाब घराने की जाबांज बेगम जिन्दान कौर का है। उन्होंने बताया कि फ़ोन और इन्टरनेट के द्वारा बोली लगाई जा रही थी।
पंजाब के महाराजा रंजित सिंह के पांच वर्षीय पुत्र दुलीप सिंह थे। साल 1843 में जिन्दान कौर ने ब्रिटिश सरकार की घुसपैठ को रोकने के लिए सैनिकों के इंतजामात किये थे। लेकिन वो पकड़ी गयी और उन्हें कैद में डाल दिया गया।
आज़ाद होते ही महारानी कौर काठमांडू भाग गयी जहां उन्हें नेपाल के राजा ने घर में नज़रबंद रखा। उसके बाद महारानी इंग्लैंड चली गयी जहां उन्हें उनका बेटा मिल गया। महारानी के हार को इस सप्ताह नीलामी के लिए रखा गया था।
हार के साथ ही सिख घराने की सोने के जेवर और शहर-ए-पंजाब रंजित सिंह के तरकश को 10000 पौंड में बेचा गया। यक़ीनन महाराज ने साल 1838 में अपने ज्येष्ठ सुपुत्र के विवाह के आयोजन पर पहहने के लिए बनवाये थे।
19 वीं शताब्दी के अंत में पंजाब की खिंची गयी 120 तस्वीरों के संग्रह को भी नीलामी के लिए रखा गया था। इस नीलामी में भारतीय चित्रकला की प्रदर्शनी भी, खासकर राजस्थानी और पहाड़ी को भी रखा गया था। साथ ही मुग़ल काल के दौरान की चित्रकलाएं भी मौजूद थी।