केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया है मोदी सरकार की इस पंचवर्षीय यानी वर्ष 2014 से 2019 की अवधि के दौरान देश में करदाताओं की संख्या दोगुनी हो जाएगी।
जेटली के अनुसार पहले देश में करदाताओं की संख्या 3.8 करोड़ थी, जो वर्तमान में बढ़कर 6.8 करोड़ तक पहुँच चुकी है।
अरुण जेटली ने कहा है कि “उन्हे उम्मीद है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक देश में करदाताओं की संख्या 7.5 करोड़ पहुँच जाएगी, जो कि वर्ष 2014 की तुलना में दोगुनी होगी।”
अरुण जेटली ने ये बातें भारत-अमेरिकी सामरिक साझेदारी फॉरम (USISPF) के दौरान कहीं हैं।
अरुण जेटली ने कहा कि “मेरा अनुमान था कि वर्ष 2014 से 2019 के बीच हम करदाताओं की संख्या को बढ़ाकर दोगुना कर देंगे, हालाँकि 5 सालों में ही ऐसा कर पाना काफी मुश्किल है। हम इन चार सालों में ही 6.8 करोड़ करदाताओं तक पहुँच चुके हैं। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 7.5-7.6 करोड़ के साथ करदाताओं की संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी।”
वहीं अप्रैल-सितंबर तिमाही में कुल प्रत्यक्ष कर करीब 14 प्रतिशत बढ़कर 4.44 लाख करोड़ रुपये पर पहुँच गया है। जबकि सकल प्रत्यक्ष कर 16.7 प्रतिशत बढ़कर करीब 5.47 लाख करोड़ रुपये था। इसी के साथ टैक्स रिफ़ंड भी 30.4 प्रतिशत बढ़कर 1.03 लाख करोड़ रुपये पहुँच गया है।
नोटबन्दी पर बोलते हुए जेटली ने बताया है कि यह एक कठिन कदम था, लेकिन इस कदम के साथ ही सरकार द्वारा देश की अर्थव्यवस्था के औपचारिकरण की मंशा अब सबके सामने साफ हो गयी है।
इसी के साथ वित्त मंत्री ने बताया है कि “दिवालियापन और बैंकरप्सी कानून (IBC) और नोटेबन्दी जैसे कदमों के चलते देश में आर्थिक नैतिकता का विकास हुआ है और इसकी देश में सख़्त जरूरत थी।”