पंकज कपूर ने 30 साल से अधिक समय अभिनय किया है और अपने तीन दशक के करियर में उन्होंने हर तरह की भूमिका निभाई है, चाहे वो डार्क हो या कॉमेडी। लेकिन फिर भी वरिष्ठ अभिनेता को लगता है कि उन्होंने ज्यादा काम नहीं किया है और वह ज्यादा खोजना चाहते हैं।
उन्होंने PTI को बताया-“दुनिया में लाखों लोग हैं, मैंने उनमें से केवल कुछ ही निभाए हैं। और मुझे नहीं लगता कि मैंने पर्याप्त काम किया है, मैं और अधिक खोज करना चाहूंगा। इसलिए मैं कई और किरदार करने के लिए उत्सुक हूँ, जब तक मैं फिट और जीवित हूँ। मुझे अलग-अलग तरह के लोगों की भूमिका निभाने में मजा आता है।”
अल्केमिस्ट लाइव द्वारा आयोजित दिल्ली थिएटर फेस्टिवल के तीसरे संस्करण में दिग्गज थिएटर, टीवी और बॉलीवुड अभिनेता का प्रदर्शन होगा। कपूर अपनी पत्नी सुप्रिया पाठक के साथ 30 अगस्त को यहां सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में शुरुआती नाटक ‘ड्रीमज सहर’ का निर्देशन और अभिनय करेंगे।
‘ड्रीमज सहर’ एक प्रोफेसर संजीव मिश्रा की कहानी जो लम्बे वीकेंड के लिए कसौली जाता है। वहां उसकी मुलाकात रहस्यमयी महिला सहर से होती है जो अपनी बहन निशा को ढूंढ रही होती है जब वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ भाग जाती है। बाद में, जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है, शो में और भी रोमांचक मोड़ आते हैं।
अभिनेता ने कहा कि बाकि माध्यमों की तुलना में, थिएटर के पास एक खूबी है जहाँ उन्होंने बहुत काम किया है। उन्होंने कहा कि थिएटर इसलिए बेहतर है क्योंकि आपके सामने लाइव दर्शक बैठे होते हैं।
‘ऑफिस ऑफिस’ में निराश आम आदमी मुसद्दीलाल हो या ‘नीम का पेड़’ में बंधुआ मजदूर बुधई राम, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता ने उन किरदारों की कमी को स्वीकार किया जिन्हें उन्होंने टेलीविजन पर निभाया है और उन्हें वे देखने को नहीं मिलते।
65 वर्षीय अभिनेता ने कहा-“जिस तरह का काम टेलीविज़न पर अभी हो रहा है, मैं एक अभिनेता के रूप में या एक इंसान के रूप में उससे संबंधित नहीं हूँ। इसलिए मैं अब टेलीविज़न में अपने लिए जगह नहीं देखता। मुझे यह माध्यम बहुत पसंद है। लेकिन यह थोड़ा तनावपूर्ण है, क्योंकि आप जानते हैं कि इन दिनों डेली सोप्स कैसे होते हैं।”
कपूर दिल्ली थिएटर फेस्टिवल में स्वयं द्वारा लिखित और निर्देशित, नाटक ‘दोपहरी’ में भी अभिनय करेंगे।